- दूसरे चरण के पंप की क्षमता बढ़ाने से 50 एमएलडी पानी बढ़ा नए साल में नर्मदा परियोजना से अच्छी खबर आई है। 43 साल पुरानी इस परियोजना से शहर को अब 500 एमएलडी पानी मिलने लगा है, जो पहले 450 एमएलडी तक था। इसका फायदा ये हुआ है कि पश्चिमी शहर की जिन टंकियों को भरना आम दिनों में मुश्किल होता था, अब 5 से 6 मीटर भरी जा रही हैं। पश्चिम और मध्य शहर के कई इलाकों में सप्लाय का टाइम भी 5 से 10 मिनट बढ़ गया है। कुल मिलाकर शहर को इतना पानी मिलने लगा है कि अब यशवंत सागर से पानी न भी लें तो परेशानी नहीं आएगी।
यही वजह है कि निगम ने बिलावली तालाब से रोज तीन एमएलडी पानी लेना बंद कर दिया है। नर्मदा से सप्लाय बढ़ने का फायदा शहर को इस तरह भी मिलेगा कि तालाबों से लगे इलाकों में भूजल स्तर बना रहेगा। बिलावली में वैसे भी जनवरी से पानी कम होना शुरू हो जाता है। नर्मदा परियोजना के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक, 1 जनवरी से लगातार 490 से 500 एमएलडी पानी आ रहा है।
जनवरी में सबसे कम 460, सबसे ज्यादा 501 एमएलडी
पांच लाख से अधिक आबादी को ज्यादा पानी
अन्नपूर्णा, सुदामा नगर, महू नाका, एमओजी लाइंस, बाणगंगा, सांवेर रोड, मल्हारगंज, राजबाड़ा, सराफा, एमजी रोड, कोठारी मार्केट, चिमनबाग, छत्रीपुरा, गंगवाल बस स्टैंड, गणेशगंज, जनता कॉलोनी सहित 225 कॉलोनियों-इलाकों के पांच लाख लोगों को अब 30 की बजाय 40 मिनट तक पानी मिलेगा।
गांधी हॉल, सुभाष चौक, नरवल की टंकियां भरने लगीं 6 मीटर तक
50 एमएलडी अतिरिक्त पानी आने के बाद मध्य और पश्चिम क्षेत्र की टंकियां 1 से 2 मीटर अधिक भरने लगी हैं। कुशवाह नगर में बनी नई टंकी को चालू कर दिया गया है, उसे भी रोज भर रहे हैं। अन्नपूर्णा, छत्रीबाग को 5-5 के बजाय 6-6 मीटर, राजमोहल्ला टंकी को 4 के बजाय 5.50 मीटर, गांधी हॉल, सुभाष चौक को 4 के बजाय 5 या 6 मीटर, नरवल टंकी को 3 के बजाय 4 मीटर तक भरा जा रहा है।
जलूद में 4 काम हुए, जिससे पानी की मात्रा अधिक हुई
1. जलूद परियोजना के कार्यपालन यंत्री चैतन्य रघुवंशी के मुताबिक, पहले व दूसरे चरण की परियोजना में तीन पंप चलते थे, जिससे 112 एमएलडी पानी आता था अब चार पंप चल रहे हैं और 162 एमएलडी पानी डिस्चार्ज हो रहा है। यह 150 एमएलडी पहुंच रहा है।
2. जलूद में रॉ वॉटर पंप की डिलीवरी लाइन छोटी थी। उसे बढ़ाकर 500 एमएम कर दिया गया है। इससे नर्मदा नदी से पंप ज्यादा मात्रा में पानी खींच रहे हैं।
3. दूसरे चरण की लाइनों के वॉल्व बदले हैंं। पंपों का रखरखाव हुआ है। बार-बार पंप बंद होने की समस्या भी कम हुई है। इससे पानी लगातार मिल रहा है।
4. अब शहर को नर्मदा तीनों चरणों से 460 से 470 एमएलडी और यशवंत सागर से 30 एमएलडी यानी करीब 500 एमएलडी मिलने लगा है। पहले ये अधिकतम 450 एमएलडी था।
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