- वायुसेना के लिए छोड़ी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी, बिना कोचिंग की तैयारी
एसजीएसआईटीएस से इंजीनियरिंग कर चुकी ऐश्वर्या शर्मा का चयन भारतीय वायुसेना में हुआ है। दो साल की ट्रेनिंग के बाद वे वायुसेना की तकनीकी शाखा को बतौर फ्लाइंग ऑफिसर जॉइन करेंगी। पिछले साल आयोजित वायुसेना संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एफकेट) में शामिल पांच लाख प्रतिभागियों में से चयनित 214 में ऐश्वर्या शामिल हैं। वे बताती हैं मेरे पिता वीरेंद्र कुमार शर्मा नेवी में पेटी ऑफिसर थे। उनका सपना था कि मैं भी सेना में अधिकारी की तरह नौकरी करूं।
2019 में मेरा ग्रेजुएशन पूरा होने के महज चार माह बाद उनका देहांत हो गया। मेरी बहन उस वक्त छोटी थी और मां गृहिणी, इसलिए परिवार की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। कैंपस प्लेसमेंट के जरिए मेरी नौकरी इंफोसिस में लगी। इंदौर में कमरा किराए से लेकर जॉब के साथ पढ़ाई भी करती थी। बगैर कोचिंग इंटरनेट की मदद से परीक्षा की तैयारी की। साक्षात्कार के लिए महू के रिटायर्ड सेनाधिकारी से मार्गदर्शन लिया।
पांच दिनों के साक्षात्कार में परखते हैं मानसिक मजबूती
ऐश्वर्या ने बताया लिखित परीक्षा पास करने के बाद एयरफोर्स सिलेक्शन बोर्ड द्वारा गांधी नगर में साक्षात्कार लिया गया। पांच दिन तक ग्रुप टास्क, साइकोलॉजिकल टेस्ट व पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर परखा जाता है। जैसे एक तस्वीर को 30 सेकंड देखने के बाद कहानी लिखना, एक शब्द को तीन सेकंड पढ़ने के बाद वाक्य बनाना, किसी मुसीबत में बाहर निकलने की त्वरित योजना बनाना आदि कई टास्क दिए गए।
सेना के आधुनिक विमानों का करेंगी रखरखाव
ऐश्वर्या को राफेल सहित सेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों, मालवाहक जहाज, हेलिकॉप्टर व अन्य मशीनों के रखरखाव का जिम्मा उन्हें मिलेगा। बतौर फ्लाइंग ऑफिसर अपना काम संभालने के पहले उन्हें दो साल की ट्रेनिंग से गुजरना होगा। हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में छह माह की जनरल ट्रेनिंग के बाद एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज बेंगलुरु में डेढ़ साल का गहन तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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