- ओडिशा की तर्ज पर लग सकेंगे बाजारों में स्मार्ट ठेले, टूरिज्म और संस्कृति के लिए भी कई प्रस्ताव
इंदौर के नए मास्टर प्लान में इस बार कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। पहली बार इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ट्रैफिक के लिए भी मास्टर प्लान तैयार होगा। आत्मनिर्भर इंदौर, स्मार्ट ठेला, सफाई यूनिवर्सिटी, टूरिज्म-कल्चर पर फोकस योजनाओं के साथ जनभागीदारी से सरकारी स्कूलों को संवारने जैसे काम भी इसमें शामिल होंगे। इसके प्रस्ताव और सुझाव सांसद शंकर लालवानी ने तैयार किए हैं, जिन्हें सरकार की सहमति मिल गई है। 6 जनवरी को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन के बाद इस पर काम शुरू होगा।
यानी मास्टर प्लान के लिए जो काम चल रहे हैं, उसमें आगे चलकर ये सब बिंदु भी जुड़ जाएंगे। लालवानी के मुताबिक, मास्टर प्लान सिर्फ सड़कों की चौड़ाई और जमीन उपयोग तय करने पर सीमित न रहे। इसे मेट्रो सिटी की तरह संपूर्ण विकास आधारित बनाने के लिए ये बदलाव कर रहे हैं। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि मप्र की आबादी की ग्रोथ 25 फीसदी के करीब है, जबकि इंदौर 40 फीसदी ग्रोथ के साथ फैल रहा है। ऐसे में मास्टर प्लान 2035 तक बनाने के साथ अनुमानित 60 लाख आबादी के लिए तैयार कर रहे हैं।
ये प्रस्ताव : इंटरनेशनल कार्गो लॉजिस्टिक हब बनेगा
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान... इसमें शहर की मुख्य सड़कों के साथ पश्चिम में पूर्वी शहर की तरह नया रिंग रोड या बायपास जैसा रोड प्रस्तावित है। पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के विस्तार, हर बाजार में मल्टी स्टोरी पार्किंग के प्रस्ताव प्लान में जुड़ेंगे।
ट्रैफिक...पहली बार ट्रैफिक का मास्टर प्लान बनेगा, जिसमें एक-एक एरिया की सड़कें, चौराहे, फ्लायओवर प्लान होंगे। मास्टर प्लान में शामिल होने से एजेंसियों के लिए इन्हें बनाना जरूरी होगा। जिम्मेदारियां भी तय करेंगे।
ट्रांसपोर्ट... इंटरनेशनल कार्गो के साथ लॉजिस्टिक हब भी तैयार किया जाएगा। नए एयरपोर्ट के लिए जमीन सीज की जाएगी। ताकि भविष्य में अधिग्रहण की दिक्कत न आए। नए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के लिए भी जमीनें तय करेंगे। इसके लिए भी योजना बनाई जा रही है।
एजुकेशन... सफाई की यूनिवर्सिटी शुरू करेंगे, जिसमें देश-दुनिया के शहरों के नगरीय निकायों के कर्मचारी के अलावा बच्चे भी आकर सफाई का पाठ सीख सकेंगे। इसका संचालन नगर निगम के पास रहेगा। सरकारी स्कूलों को सामाजिक संस्थाओं की मदद से चलाएंगे।
रोजगार... ओडिशा की तर्ज पर स्मार्ट ठेले तैयार होंगे। बाजारों में इन्हें लगाने का टाइम तय रहेगा। पांच नए औद्योगिक क्लस्टर एकेवीएन के माध्यम से तैयार किए जाएंगे।
टूरिज्म-कल्चर... गोपाल मंदिर, गांधी हॉल जैसी जगहों पर सांस्कृतिक गतिविधियां चलाई जा सकेंगी। पर्यटकों को लुभाने के लिए नए केंद्र बनाए जाएंगे। इससे इंदौर में भी पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा।
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