- कंपनी संचालक के पास नहीं है वैधानिक लाइसेंस
मिठाई, खीर आदि काम में आने वाले खसखस (पोस्ता दाना) में भी मिलावट हो रही है। इन दानों पर मिट्टी की परत चढ़ाकर इन्हें रंग दिया जा रहा है। बिना मंजूरी के खाद्य पदार्थों की पैकिंग, भंडारण, विक्रय भी किया जा रहा था। मौके से 1200 किलो मखाना, 1246 किलो खसखस, 900 किलो खजूर, 108 किलो किसमिस इस तरह कुल 3454 किलो खाद्य सामग्री जब्त की। सात सैंपल भी लिए गए।
पलदा औद्योगिक नगर में शनिवार को जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की टीम ने पूनम ट्रेडिंग कंपनी के यहां जांच की। इस दौरान जब अधिकारियों ने खसखस वाले बोरों को खुलवाया तो इसमें कीड़े लगे थे और इनकी छोटे-छोटे पैकेट में पैकिंग की जा रही थी। अधिकारियों ने इसे हथेली में लेकर रगड़ा तो दानों पर चिपकी मिट्टी की परत अलग होने लगी। दानों पर मिट्टी की लेप लगाई गई थी, जो संभवत: वजन बढ़ाने और पीला रंग देने के लिए किया गया था।
पता सियागंज का और पैकिंग पालदा में की जा रही थी
अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने बताया कि कलेक्टर को मिली सूचना के आधार पर टीम जांच के लिए गई थी। इसमें पाया गया कि खसखस दाना की रिपैकिंग हो रही थी। गोदाम के संचालक अंकुश गुप्ता हैं। इनके पास कोई वैधानिक लाइसेंस नहीं था, दो दस्तावेज थे, उसमें सियागंज का पता था और फैक्टरी पालदा में थी। जांच में बोरों में सड़ा हुआ पोस्ता दाना भरे हुए मिले हैं। संबंधितों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो रही है।
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