- ऐसी व्यवस्था... मैस में खुद के बर्तन, एक टेबल और एक फ्लैट में सिर्फ दो छात्र
लॉकडाउन के कारण अपने घर गए आईआईटी इंदौर के बी. टेक के छात्र दस महीने बाद वापस कैंपस लौटेंगे। आईआईटी ने बी.टेक अंतिम वर्ष के 70 छात्रों को 21-22 जनवरी तथा 16-17 फरवरी को वापस बुलवाया है। बी.टेक के 11 छात्र पहले ही कैंपस में मौजूद हैं। छात्र सुरक्षित रह सकें, इसलिए आईआईटी ने अपने नियमों में भी बड़े बदलाव किए हैं। आईआईटी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर कमांडर सुनील कुमार के अनुसार हमने सातवें और आठवें सेमेस्टर की गतिविधियों को आपस में बदला है। पारंपरिक टाइम टेबल के अनुसार सातवें सेमेस्टर में छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क पूरा करना होता था। इसे छात्र घर, किसी कंपनी या संस्थान की लैब में पूरा करते थे।
आठवें सेमेस्टर में छात्रों को नियमित कक्षाओं में शामिल होना पड़ता था। कोरोना से छात्रों की सुरक्षा के लिए हमने आठवें सेमेस्टर की कक्षाएं सातवें सेमेस्टर की समयावधि में लगाईं। जनवरी-फरवरी में वापस लौट रहे छात्र आठवें सेमेस्टर की समयावधि में सातवें सेमेस्टर के प्रोजेक्ट वर्क पूरे करेंगे। वे जून 2021 तक कैंपस में ही रहेंगे। इस दौरान बी. टेक, पीएचडी और अन्य कोर्स के करीब साढ़े 600 छात्र कैंपस में रहेंगे।
ऐसी व्यवस्था... मैस में खुद के बर्तन, एक टेबल और एक फ्लैट में सिर्फ दो छात्र
कैंपस में आने पर छात्रों को सेल्फ डिक्लेरेशन के माध्यम से मेडिकल, कॉन्टैक्ट और ट्रेवल हिस्ट्री की जानकारी देनी होगी। आने वाले सभी छात्रों को 14 दिन का क्वारेंटाइन आवश्यक रूप से पूरा करना होगा। एक होस्टल बिल्डिंग को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। पांच छात्रों की क्षमता वाले फ्लैट में दो छात्र रुकेंगे। उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। खाना भी होस्टल में परोसा जाएगा। क्वारेंटाइन पूरा कर चुके छात्रों को मैस में खाने के दौरान अपने बर्तन साथ लाना होंगे। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक टेबल पर दो ही छात्र बैठाए जाएंगे।
सतर्कता ऐसी... सैनिटाइजेशन टनल से गुजरेगा छात्रों का सामान, जूते भी किए जाएंगे सैनिटाइज
आईआईटी के प्रवेश गेट पर संस्थान ने सैनिटाइजेशन टनल बनाई है। कैंपस में आने वाले हर सामान को इस टनल से गुजार कर सैनिटाइज किया जा रहा है। अल्ट्रावॉयलेट किरणों से जूते और यूवी बॉक्स के जरिए कागज-किताबों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। छात्रों के आने पर उनका पूरा सामान इन्हीं उपकरणों के जरिए सैनिटाइज किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बैठक व्यवस्था को भी 50 फीसदी क्षमता का किया गया है।
टाइम-टेबल में बदलाव... लैब वर्क इजाजत मार्च और अप्रैल में
लेबोरेटरी के टाइम टेबल में भी परिवर्तन किया गया है। छात्रों को लैब वर्क की इजाजत मार्च और अप्रैल में दी जाएगी। अलग-अलग सेशन को इस तरह तैयार किया गया है कि अलग-अलग विभागों के छात्रों के बीच कम से कम संपर्क हो। उपकरणों को भी उपयोग के बाद सैनिटाइज करेंगे।
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