अभी सिर्फ फ्रंट वॉरियर्स के लिए आई कोरोना की वैक्सीन मार्च से शहर के मेडिकल स्टोर्स पर भी मिल सकती है। भारत बायोटेक ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सितंबर में सीरम इंस्टीट्यूट भी कोवीशील्ड को बाजार में ला सकता है। इनकी कीमत 900 से 1000 रुपए के बीच होगी। भारत बायोटेक कोवैक्सिन को 24 मार्च को बाजार में लाने की कोशिश में है। पिछले साल इसी दिन लॉकडाउन लगा था।
कंपनी के नेशनल हेड शोएब मलिक बताते हैं कि कोवैक्सिन फिलहाल सरकार को मुहैया करवा रहे हैं। डिस्ट्रिब्यूटर्स से मीटिंग के बाद वैक्सीन के स्टोरेज सुविधाएं जांच ली गई हैं। जल्द ही बाजार में वैक्सीन लाने की तारीख तय हो जाएगी। वैक्सीन बाजार में लाने सरकार से मंजूरी की जरूरत नहीं है। हमारी पूरी तैयारी है, मार्च के अंत तक वैक्सीन बाजार में ले आएंगे।
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट के रीजनल सेल्स मैनेजर अजय द्विवेदी बताते हैं कि अभी जो भी प्रोडक्शन हो रहा है, उसका 50% देश में और बाकी विदेश भेज रहे हैं। हमारी वैक्सीन बाजार में लाने में अगस्त तक का समय लगेगा।
बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी मिली
मलिक के मुताबिक, अभी जो दो वैक्सीन बनी हैं, वे 18 साल से ऊपर वालों के लिए हैं। कोवैक्सिन के बच्चों पर ट्रायल करने की अनुमति मिल गई है। 10 दिन में देशभर के 15 सेंटर्स पर बच्चों में इसका ट्रायल शुरू होगा। भारत बायोटेक इंजेक्शन वैक्सीन के अलावा नेजल स्प्रे पर भी काम कर रहा है। डॉक्टर्स कोशिश में हैं कि जिस रास्ते इंफेक्शन आता है, उसी रास्ते पर उसे खत्म किया जाए।
दो के बजाय एक डोज पर रिसर्च
दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन के दो डोज लगाए जा रहे हैं। इसमें दूसरा डोज बूस्टर के तौर पर लगाया जा रहा है। मलिक बताते हैं कि भारत बायोटेक कोरोना के खात्मे के लिए सिंगल डोज पर भी काम कर रहा है। चमकी बुखार के लिए भी दुनियाभर में दो डोज लगते हैं, लेकिन सिर्फ भारत बायोटेक ने इसका एक डोज वाला वैक्सीन बनाया था।
संजीवनी से कम नहीं वैक्सीन, अफवाहों से बचें
वैक्सीनेशन से पहले गुरुवार को धर्मगुरुओं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन संजीवनी बूटी से कम नहीं है। इसे लेकर कोई भ्रमित नहीं हो और अफवाह नहीं फैलाएं। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
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