प्रतीकात्मक फोटो
ड्यूटी पर जा रहे एक पुलिसकर्मी की दुर्घटना में मौत के बाद परिवार लाचार हो गया। परिवार में वह कमाई का इकलौता जरिया था। गुजर-बसर के लिए परिजन ने जिला एवं सत्र न्यायालय ने मुआवजा दिए जाने के लिए परिवाद दायर किया। कोर्ट ने बीमा कंपनी को आदेश दिए कि वह 95 लाख का भुगतान करे। परिजन के अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल के मुताबिक पुलिसकर्मी जितेंद्र सेन का 12-13 अगस्त 2018 की दरमियानी रात को एक्सीडेंट हो गया था। वह बाइक से ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी उन्हें एक ट्रक ने टक्कर मार दी और मौके पर ही मौत हो गई।
बीमा कंपनी ने परिवाद पर जवाब दिया कि कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। जितेंद्र लापरवाही से बाइक चला रहे थे। उन्हें ट्रक आता दिख रहा था। फिर भी बाइक की गति कम नहीं की, ना ही संभलने की कोशिश की। परिजन ने बाइक की बीमा कंपनी को भी पक्षकार नहीं बनाया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद परिजन के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि कुल राशि का 40% पत्नी वीणा, 20% बेटे और 30% बेटी को, जितेंद्र के माता-पिता को 5-5% राशि दी जाए।
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