- समय पर काम और फिर पूरा आराम अमीरों का लक्षण है, जो छोटे-छोटे मौक़ों पर भी साफ़ देखा जा सकता है।
किसी अमीर आदमी की रसोई से आवाज़ नहीं आती कि मैं कब से कह रही थी चीनी लाने को, आज ख़त्म हो गई। लो, अब फीकी चाय पियो।
इसी तरह, क़ामयाब लोग जब गाड़ी लेकर निकलते हैं, तो उन्हें यह चिंता नहीं सताती रहती कि रास्ते में पेट्रोल ख़त्म न हो जाए। वे ऐसे कामों को मामूली समझकर टालते नहीं।
ख़त्म हो जाने से पहले चीनी ले आना और समय रहते पेट्रोल डलवाना आर्थिक समृद्धि पर निर्भर नहीं है, परंतु ये अमीरों के लक्षण हैं।
इन पंक्तियों को पढ़ रहा हर व्यक्ति इतना साधन-सम्पन्न तो होगा ही कि चीनी और ईंधन ख़रीद सके, फिर भी कभी न कभी उनके समाप्त हो जाने के तनाव से रूबरू भी हुआ होगा।
समृद्ध मानसिकता के लोग इस तुच्छ कोटि के तनाव से दूर रहते हैं (यानी ऐसी नौबत ही नहीं आने देते) और अपनी ऊर्जा को बड़े कामों में लगाते हैं, इसलिए अमीर होते जाते हैं। टालमटोली जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती है। यह ख़ुशियों और सुकून के लिए घुन की तरह होती है, धीरे-धीरे उन्हें चट कर रही होती है।
टाला जाने वाला काम शुरुआत में भले ही मामूली लगे, लेकिन टल-टलकर आख़िरकार वह अत्यावश्यक हो जाता है। मिसाल के लिए, गाड़ी में ईंधन डलवाना या गैस सिलेंडर बुक करना कोई बड़े काम नहीं हैं, लेकिन अगर
टाल दिए जाएं, तो सबकुछ गड़बड़ा सकते हैं। पेट्रोल भरवाने में की गई लापरवाही दुर्योग से परीक्षा या इंटरव्यू को बर्बाद कर सकती है या मौक़े पर किसी आपातकालीन स्वास्थ्य सम्बंधी स्थिति को और भी गम्भीर बना सकती है। कहा भी गया है कि नाव के एक छोटे-से छेद को समय पर भरा न जाए, तो एक दिन वह पूरी नाव डुबाे सकता है। छोटे-छोटे कामों को लेकर की जाने वाली टालमटोलियां मिल-जुलकर पूरी आदत बिगाड़ती हैं और किसी दिन घातक भी साबित हो सकती हैं। इससे बचें।
अपने लिए समृद्धि की कामना के बीच, देखें कि अमीर लोग काम कैसे करते हैं। वह भी आपके लिए धन-दौलत और सफलता पाने का मंत्र होगा।
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