- 19 जनवरी को सुबह 11.30 बजे गुरु होंगे अस्त, बसंत पंचमी को होंगे उदय
- 19 जनवरी को सुबह 11.30 बजे गुरु होंगे अस्त, बसंत पंचमी को होंगे उदय
जनवरी में दो प्रमुख ग्रह देव गुरु बृहस्पति और न्याय के देवता शनि के अस्त होने से शिक्षण और न्याय व्यवस्था प्रभावित रहेगी। यह दोनों ही ग्रह फरवरी माह में उदित होंगे। देव गुरु बृहस्पति 19 जनवरी को सुबह 11.30 बजे अस्त होंगे, जो बसंत पंचमी के दिन 16 फरवरी को उदय होंगे। शनि महाराज 7 जनवरी को शाम 4.41 बजे अस्त हुए थे, जो 10 फरवरी को सुबह 2.06 पर उदय होंगे।
ज्योतिर्विद पं. शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार शनि न्याय के देवता हैं, तो गुरु ज्ञान के। इन दोनों के अस्त होने पर न्याय और विज्ञान दोनों पर प्रभाव पड़ेगा। बीते साल वैसे ही कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा क्षेत्र और न्यायपालिका भी पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। अब इन ग्रहों के अस्त होने से शिक्षण एवं न्याय दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि साथ ही देश के विकास में बाधा हो सकती है। जनता में असंतोष बढ़ सकता है। राजनीतिक रूप से सरगर्मियां रहेंगी। कहीं पर अशांति, आंदोलन, महामारी, प्राकृतिक प्रकोप होंगे। गुरु और शनि के अस्त होने का लोगों के जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा।
किस राशि के जातकों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
मेष : काम की अधिकता, मान-सम्मान बढ़ेगा। वृषभ : मन अशांत, निर्णय क्षमता प्रभावित होगी। मिथुन : आर्थिक संतुलन खराब, धार्मिक रुचि बढ़ेगी। कर्क : शरीर कमजोर, बुद्धि भ्रमित व शत्रु प्रभावित करेंगे। सिंह : मानसिक दुर्बलता स्थान, परिवर्तन का योग, गृह क्लेश। कन्या : क्रोध वृद्धि, काम में बाधा, स्वजनों से विरोध हो सकता है। तुला : निर्णय से हानि, शुभ कार्य संपादन, सुखों में बाधा। वृश्चिक : पराक्रम से सुधार, नए संपर्क, चतुराई से लाभ। धनु : स्थान परिवर्तन, रोग, वाणी प्रभावित होगी। मकर : विरोधी प्रबल, मानहानि, उदर विकार की आशंका। कुंभ : खर्च ज्यादा, भागदौड़ ज्यादा, मिथ्या आरोप लग सकता है। मीन : परिवार में क्लेश, मनोबल में गिरावट, खर्च ज्यादा हो सकता है।
शनि इस साल नहीं करेंगे गोचर
उधर, शनि इस साल कोई राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। कारण यह है कि शनि महाराज ढाई साल में अपना घर बदलते हैं। शनि मकर राशि में 24 जनवरी 2020 को आए थे, जो 24 अप्रैल 2022 को मकर से कुंभ में प्रवेश करेंगे। इसके कारण इस साल शनि का गोचर नहीं होगा।
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