- जीएसटी में फर्जी बिलों के माध्यम से ली जा रही टैक्स छूट रोकने के लिए बड़ा फैसला लागू
जीएसटी के बोगस बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वाले कारोबारियों पर अब दोहरी मुश्किल आ गई है। टैक्स छूट तो जीएसटी विभाग वसूलता है और अब फर्जी बिल की राशि संबंधित करदाता की आय में जोड़कर पेनल्टी वसूली जाएगी।
हालांकि इस संबंध में नियम 1 अप्रैल 2020 को लागू किया गया था, लेकिन सीबीडीटी ने इस नियम का स्पष्टीकरण अब जारी किया है। साथ ही सभी आयकर अधिकारियों को इसे लागू करने और पेनल्टी वसूलने का आदेश दिया है। सीए अभय शर्मा ने बताया इस नियम का मतलब है कि जीएसटी और आयकर विभाग मिलकर इसमें काम करेंगे।
यदि छापे या जांच में किसी करदाता के पास एक लाख का फर्जी खरीदी का बिल मिलता है और इस पर 18 फीसदी की दर से 18 हजार का टैक्स लगाकर गलत क्रेडिट ली गई तो 18 हजार की क्रेडिट तो जीएसटी विभाग वसूलेगा ही, वहीं 1 लाख के फर्जी बिल की राशि करदाता से बतौर पेनल्टी वसूली जाएगी।
जानकारों के अनुसार जीएसटी में फर्जी बिलों के माध्यम से ली जा रही टैक्स छूट रोकने के लिए यह बड़ा फैसला लागू किया गया है। इससे कारोबारी को अब अपने जीएसटी रिटर्न और आयकर रिटर्न को सही तरीके से भरना होगा, क्राॅस चेक में नहीं तो करदाता पर कार्रवाई हो सकती है।
संपत्ति कर : 50 हजार से ज्यादा बकाया वाले 12 हजार डिफॉल्टर
कचरा प्रबंधन शुल्क में कीर्तिमान स्थापित कर चुके निगम के राजस्व अमले को अब प्रतिदिन 164 लोगों से संपत्ति कर वसूलना होगा। इसके लिए 12 हजार डिफॉल्टरों की सूची निगम के सभी 19 जोन को दी गई है। राशि जमा नहीं करने वालों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। ऐसे ही 10 हजार से ज्यादा जल कर के बकायादारों की सूची भी तैयार की गई है।
प्रभारी निगमायुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया 12 हजार डिफॉल्टरों में वे लोग हैं जिन पर 50 हजार से ज्यादा का टैक्स बकाया है। इन सभी से वसूली के लिए राजस्व विभाग के 300 लोगों को 31 मार्च तक का टारगेट दिया है। इनसे कुल 150 करोड़ से ज्यादा का राजस्व वसूलना है। इसमें बिल्डर, गार्डन वाले, व्यवसायी सहित सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। टीम को सख्त निर्देश दिए हैं कि राशि जमा नहीं करने वालों की संपत्ति कुर्क कर ली जाए।
एक लाख 50 हजार लोगों ने नहीं भरा टैक्स
इंदौर में अभी भी डेढ़ लाख लोगों ने संपत्ति कर नहीं भरा है। टीम को प्रतिदिन एक वार्ड से दो खातों की वसूली का लक्ष्य दिया है। जो लक्ष्य को पूरा करेगा, उसका सम्मान किया जाएगा। लक्ष्य में पिछड़ने वाले कर्मचारियों को दंड मिलना तय है। निगम 400 करोड़ की वसूली मार्च तक कर सकता है।
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