वर्कआउट अब जुनून की तरह इंदौर की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। मॉर्निंग वॉकर्स से लेकर घरों में एक्सरसाइज करने वालों की संख्या इस तेजी के साथ बढ़ी है कि सारे रिकॉर्ड पीछे छूट गए। बीच में हालत ऐसी बनी कि सप्लाय शॉर्ट पड़ने लगी और साइकिल के लिए भी लोगों को इंतजार करना पड़ा। शहर के अलग-अलग हिस्सों में हर सुबह भिया लोग साइकिलिंग करते नजर आने लगे हैं। सुबह और शाम के तो फिर कहने ही क्या।
अप्रैल से नवंबर के बीच शहर केे 35 हजार घर खुद उगाने लगे अपनी सब्जियां
लॉकडाउन के बाद अप्रैल से दिसंबर तक शहर में हजारों लोगों ने किचन गार्डन बनाए। लॉन, टेरेस, बालकनी, गलियारा और इतनी जगह भी घर में नहीं थी तो ट्रे में सब्जियां उगाईं। मसाले पैदा किए और अपने भंडार बना लिए, जिसमें कम से कम छह महीने का अनाज रखने लगे।
शहर के बीज भंडारों और ऑर्गेनिक सीड्स बेचने का व्यापार कर रहे दुकानदारों ने बताया कि खरीदार किसान है या शौकिया बीज खरीद रहा है, वह पता चल जाता है। अप्रैल के बाद से पूछताछ और मांग सतत बनी हुई है। ज्यादातर लोग अपनी सब्जियां खुद उगाना चाहते हैं। मसाले के बीज ले जाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। एक्सपर्ट अरुण डिके और सुस्मित व्यास कहते हैं कि शहर में पहले किचन गार्डन का इतना ट्रेंड नहीं रहा, जितना अब। कोरोना काल में 35 हजार से ज्यादा किचन गार्डन बने हैं।
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