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मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने व ब्रांड के नाम का दुरूपयोग करने पर व्यापारी के विरूद्ध केस

                मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देशानुसार एवं इंदौर कलेक्टर श्री मनीष सिंह के मार्गदर्शन में मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही निरंतर जारी है। इसी क्रम में गत दिवस खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा पालदा में मांगीलाल कम्पाउण्ड स्थित के.एस. इंडस्ट्रीज के औचक निरीक्षण के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक खाद्य पदार्थों का निर्माण होता पाया गया था। जिस पर प्रशासन द्वारा भंवरकुआ थाना में संबंधित व्यापारी अनिल अग्रवाल के विरूद्ध आईपीसी की धारा-420, 272, 273 के तहत केस दर्ज कराया गया है। इन धाराओं का प्रयोग जिले में मिलावटखोरों के विरूद्ध पहली बार किया गया है, जो कि मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थों की बिकरी पर अंकुश लगाने के जिला प्रशासन के कड़े रूख को दर्शाता है।

      उल्लेखनीय है कि धारा-420 के तहत धोखाधड़ी के केस में सात साल तक की जेल व आर्थिक दंड की सजा सुनाई जा सकती है। वहींधारा-272 के तहत खाद्य पदार्थ में अपमिश्रण के अपराध में छह माह का कारावास और एक हजार का अर्थदंड या दोनों सजाएं सुनाई जा सकती है। इसी तरह धारा-273 के तहत अमानक खाद्य पदार्थ बेचने पर छह माह की सजा व एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों सजा एक साथ सुनाई जा सकती हैं।

*फेक्ट्री में किया गया खाद्य अनुज्ञप्ति की शर्तों का उल्लंघन*

                गत दिवस के.एस. इंडस्ट्रीज में की गई जांच के दौरान खाद्य परिसर में अस्वच्छ परिस्थितियों में खाद्य पदार्थों का निर्माणपैकिंग एवं भंडारण होता पाया गया। इस दौरान पाया गया कि व्यापारी अनिल अग्रवाल खाद्य पदार्थों के निर्माण में टैल्कम पाउडर एवं गंमबेस का उपयोग कर रहे थेजो कि मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। व्यापारी द्वारा पैक किये जा रहे खाद्य पदार्थों के लेबल पर यूरो निर्यात प्रायवेट लिमिटेड द्वारा निर्माण दर्शाया जा रहा था जिससे ब्रांड के नाम का दूरउपयोग कर आम उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा रहा था।

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