इंदौर में एमवाय अस्पताल के हॉल को टीकाकरण सेंटर बनाया गया है। वहां जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट और सांसद श्री शंकर लालवानी की मौजूदगी में जिला अस्पताल की कर्मचारी आशा पंवार को पहला टीका लगाया गया। उसके बाद विनोद शिंदे, सन्तोष श्रीवास, अशोक मेढ़ा आदि ने कोरोना का टीका लगवाया। आशा पंवार अपने परिवार के साथ टीका लगवाने के लिये आयी थी। टीका लगने के पश्चात वह सुरक्षित भाव के साथ अपने घर की ओर परिवार के साथ हंसी-खुशी रवाना हुई।
आशा पंवार ने भाव-विभोर होकर कहा कि लग रहा है कि अब हम कोरोना से सुरक्षित हो गये हैं। एक टीका और लगेगा और हम पूरी तरह से सुरक्षित हो जायेंगे। उसने कहा कि कोरोना काल के दौरान मैंने जिला चिकित्सालय में पूरी कर्मठता के साथ अपनी सेवाएँ दी हैं। मुझे पहला टीका लगेगा, यह मुझे विश्वास नहीं था, हमारे जैसे छोटे कर्मियों को ध्यान रखा गया, हमें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। ऐसे ही कुछ विचार टीका लगवाने वाले विनोद शिंदे, सन्तोष श्रीवास, अशोक मेढ़ा आदि के भी थे। इनका कहना था कि हम एम.वाय. अस्पताल में पदस्थ हैं। कोरोना काल में हमारी ड्युटी कोरोना मरीजों की सेवा के लिये एम.टी.एच. अस्पताल सहित अन्य अस्पताल में लगायी गयी थी। हमने मरीजों की अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन-रात सेवा की। मरीजों को अपने हाथों से खाना खिलाया, कुछ मरीजों के डायपर बदले, उन्हें अपने हाथों से उठाना-बैठाना आदि कार्य किये। कुछ कोरोना मरीजों की मृत्यु पर उनके पार्थिव देह को सुरक्षित रूप से पैक भी किया। राज्य शासन हमारा इतना ध्यान रखेगा, पहला टीकाकरण हमारा होगा यह विश्वास ही नहीं होता है। हमें आज सबसे पहले टीका लगवाया गया, यह हमारे और परिवार के लिये सौभाग्य है। राज्य सरकार की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि हम अपने को अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
*उत्साह भरा रहा माहौल*
दुनिया, देश और प्रदेश के साथ इंदौर में भी लोगों की जिंदगी पर ग्रहण लगा रहे कोरोना वायरस को भगाने के टीकाकरण महाअभियान को लेकर हर किसी के मन में उमंग और उत्साह का वातावरण था। मंत्री, सांसद, नेता, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- कर्मचारी,डॉक्टर्स, नर्स, मीडियाकर्मी आदि कोरोना टीकाकरण महाअभियान को लेकर उत्साहित व रोमांचित थे। जिन हैल्थवर्कर्स को सबसे पहले टीका लगवाने का मौका मिला उनका उत्साह तो देखते ही बनता था। एमवायएच में स्थापित टीकाकरण केंद्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। प्रवेश द्वार से टीकाकरण सेंटर तक लाभार्थियों के सम्मान में लाल कालीन बिछाया गया था। प्रवेश द्वार को भी रंग- बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था।
जिन लाभार्थियों को टीके लगाए जाना थे उन्हें कोविन ऐप पर पंजीयन के बाद मैसेज किए गए थे। मैसेज और पहचान सम्बन्धी दस्तावेज चेक करने के बाद थर्मल गन से उनका टेम्परेचर नापा गया। उसके बाद उन्हें टीकाकरण के लिए भेजा गया। टीका लगवाने के आधे घंटे बाद तक लाभार्थियों को निगरानी में रखा गया ताकि किसी तरह का साइड इफेक्ट सामने आने पर तत्काल उनका उपचार किया जा सके। हालांकि किसी भी लाभार्थी में कोई विपरीत लक्षण नहीं पाए गए। निर्धारित समय के बाद लाभर्थियों को घर भिजवा दिया गया।
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