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कोरोना के साइड इफेक्ट्स:हमेशा के लिए खत्म हो सकती है स्वाद और सूंघने की क्षमता

 

  • संक्रमण के बाद खान-पान और जीवन जीने का आनंद कम होता है, सामाजिक अलगाव महसूस करते हैं

कोरोना से संक्रमित होने का एक लक्षण सूंघने की क्षमता (एनोस्मिया) में कमी है। तो कुछ लोगों को खान-पान में कोई स्वाद नहीं आता है। कई मरीज कुछ समय बाद सूंंघने और स्वाद की क्षमता हासिल कर लेते हैं। लेकिन, कुछ लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है। कुछ विशेषज्ञों को आशंका है कि वायरस का संक्रमण बड़ी संख्या में लोगों को स्थायी तौर पर गंध और स्वाद से वंचित कर सकता है। इकान मेडिसिन स्कूल, न्यूयॉर्क में न्यूरोसाइंस, मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. डोलोरेस मलास्पिना कहते हैं, गंध का संबंध स्वाद और भूख से है। एनोस्मिया लोगों के खान-पान का आनंद छीन लेता है। इससे मूड और जिंदगी जीने का लुत्फ प्रभावित होता है। कई पीड़ित बेहद अटपटा महसूस करते हैं। सामाजिक अलगाव बढ़ता है : स्टडी से पता लगा है कि एनोस्मिया सामाजिक अलगाव पैदा करता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोबायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. संदीप रॉबर्ट दत्ता कहते हैं यादों और भावनाओं का गहरा जुड़ाव गंध से है। सूंघने से महरूम व्यक्ति का माहौल के बारे में सोचने का तरीका बदल जाता है। ब्रिटेन में हुए एक शोध में कई लोगों ने बताया कि उनका खाने-पीने और सामाजिक मेलजोल का मजा खत्म हो गया है। इससे उनके संबंध कमजोर हुए हैं। सूंघने की क्षमता की कमी से अवसाद और कुंठा का खतरा रहता है।

दुर्घटना का खतरा
सूंघने की ताकत मानवों को सतर्क करने के सिस्टम के बतौर काम करती है। आग लगने या गैस लीकेज जैसी चीजें हमें गंध से पता लग जाती हैं। अधिक आयु में सूंघने की क्षमता कम होने से बुजुर्ग लोगों के अग्नि दुर्घटनाओं के शिकार होने का ज्यादा अंदेशा रहता है। अमेरिका में कई संक्रमित लोग स्थायी रूप से सूंघने की शक्ति खो चुके हैं।

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