मुख्य महाप्रबंधक श्री टैगोर को बनाया नोडल अधिकारी
किसानों को पात्रतानुसार सिंचाई की सुविधा के लिए शासन 92.50 फीसदी तक बिल रकम की सब्सिडी प्रदान करती है। यह सब्सिडी आगे जाकर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से की जाना है। इसकी प्रभावी तैयारी की जाए। कंपनी स्तर का नोडल अधिकारी मुख्य महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी को बनाया जा रहा है।
उक्त बात मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने सोमवार को पोलोग्राउंड मुख्यालय में बिजली अधिकारियों की मिटिंग में कही। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में सभी सरकारी लाभ डिजिटल मोड पर दिए जाने है। किसानों के लिए भी सिंचाई के कनेक्शन की रकम बैंक खातों के माध्यम से बिजली कंपनी को प्रदान की जाना है। इसकी प्रभावी तैयारी की जाए। सिंचाई के लिए लगभग 10 लाख किसानों के खाते, आधार, मोबाइल नंबर एवं खसरा नंबर के साथ लिंक किए जाए, ताकि शासन 92.50 फीसदी सब्सिडी किसानों के खातों के माध्यम से बिजली कंपनी को प्रदान कर सके। श्री तोमर ने कहा कि इस कार्य के लिए मुख्य महाप्रबंधक श्री संतोष टैगोर को नोडल अधिकारी बनाया गया है, वे 15 जिलों के कलेक्टर कार्यालय से संपर्क कर भू अभिलेख शाखा से इस संबंध में संपर्क कर कार्य में तेजी के लिए प्रयास करेंगे। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने कहा कि समय पर रीडिंग, बिलिंग, बिल वितरण एवं राजस्व संग्रहण हो। उपभोक्ताओं को रीडिंग, बिल वितरण को लेकर शिकायत नहीं होना चाहिए। उन्होंने भंडार, विजिलेंस, लाइन लास, शहरों में असेस्मेंट फ्री बिलिंग की प्रगति आदि के बारे में भी संबंधित शाखा के प्रभारी अधिकारियों से जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक श्री संतोष टैगोर, निदेशक श्री मनोज झंवर, कार्यपालक निदेशक श्री संजय मोहासे एवं श्री गजरा मेहता, मुख्य अभियंता श्री कैलाश शिवा, श्री पुनीत दुबे उज्जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री आरएस खत्री, अधीक्षण यंत्री इंदौर शहर श्री कामेश श्रीवास्तव, श्री डीएन शर्मा इंदौर ग्रामीण आदि ने भी विचार रखे।
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