बर्ड फ्लू की रोकथाम और नियंत्रण करने के उद्देश्य से सभी जिलों में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा कंट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। सभी कलेक्टरों को बर्ड फ्लू की रोकथाम और नियंत्रण करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश अपर मुख्य सचिव, पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने जारी किये हैं। उन्होंने सभी कलेक्टरों को पशुपालन, वन, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक कर किसी इमरजेन्सी से निपटने की पूर्ण तैयारी की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। श्री कंसोटिया ने भारत शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। सभी जिलों द्वारा दिशा-निर्देशों का पालन शुरू कर दिया गया है।
*पीपीई किट अनिवार्य*
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पशु चिकित्सा विभाग के जिला कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना के साथ ही पीपीई किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। सेम्पल एकत्र और डिस्पोजल के समय विभागीय अमला अनिवार्य रूप से पीपीई किट पहने। जिलों में पदस्थ पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रतिदिन संचालनालय पशुपालन भोपाल को निर्धारित फारमेट में रिर्पोटिंग करेंगे। मुर्गियों, कौवों और प्रवासी पक्षियों आदि की असामान्य मृत्यु- बीमारी की सूचना मिलते ही उस स्थान को तुरंत सेनिटाईज करायें।
*जन-जागरूकता के लिये चलायें अभियान*
कलेक्टरों से कहा गया है कि कुक्कुट पालक और जनसामान्य को बर्ड फ्लू रोग से बचाव की जानकारी अभियान चलाकर दें। पशुपालन विभाग और अन्य समन्वयक विभाग जिले में सम्पूर्ण सतर्कता और सावधानी सुनिश्चित करें। जिले में भ्रमण के दौरान पक्षियों की बीमारी और मृत्यु की जानकारी पर तुरंत कार्यवाही करते हुए भोपाल जानकारी भेजें।
*कंट्रोल रूम की स्थापना*
राज्य स्तर पर तकनीकी मार्गदर्शन एवं सूचना के आदान-प्रदान के लिये राज्य पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल में बर्ड फ्लू कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका दूरभाष क्रमांक-0755-2767583 है। साथ ही संचालनालय पशुपालन विभाग में भी एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका दूरभाष क्र. 0755-2270279 है।
*रैपिड रिस्पांस टीम का गठन*
जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करें। कोई प्रकरण मिलने की स्थिति में यह दल भारत शासन और राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए त्वरित कार्यवाही निश्चित करेंगे। सभी जिलों को पोल्ट्री, पोल्ट्री उत्पाद बाजार, जलाशयों आदि पर विशेष निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।
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