इंदौर जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत इंदौर जिला प्रदेश में पहले स्थान पर है। जिले में गत दिसम्बर माह तक 94 प्रतिशत अनुपातिक लक्ष्य की पूर्ति कर ली गई है। जिले में कुल 21 हजार 817 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। दूसरे स्थान पर रहने वाले भोपाल जिले में 13 हजार प्रकरण बनाये गये है। इंदौर जिला संख्यात्मक दृष्टि से सर्वाधिक 21 हजार 817 प्रकरण बनाकर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। जिले में अभी तक 21 हजार 817 हितग्राही लाभान्वित हो चुके है। यह अनुपातिक लक्ष्य 23 हजार 255 का 94 प्रतिशत है। जिले में इस वर्ष का लक्ष्य 5 हजार हितग्राही बढ़ाकर कुल 31 हजार कर दिया गया है। इस लक्ष्य की तुलना में उपलब्धि लगभग 70 प्रतिशत है।
*प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) का उद्देश्य*
काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना।
*योजना के लाभ*
इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाती है। सरकार निम्नलिखित किश्तों में राशि का भुगतान करती है।
पहली किस्त: 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय। दूसरी किस्त: 2000 रुपए यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं। तीसरी किस्त: 2000 रुपए जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) जो केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में हैं। जो किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्तकर्ता हैं ऐसी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लागू नहीं होगी।
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