Header Ads Widget

Responsive Advertisement

राशन माफिया गिरफ्त में:आपूर्ति नियंत्रक से गठजोड़; गंदगी के बीच जहां डिटर्जेंट पाउडर की पैकिंग वहीं हल्दी, मिर्च, धनिया, बेसन हो रहा था पैक

 

इसी जगह डिटर्जेंट पाउडर के साथ मसाले और चायपत्ती भी पैक की जा रही थी।
  • 16सैंपल लिए, 100 दुकानों से गठजोड़

इंदौर में तेजपुर गड़बड़ी स्थित उचित मूल्य दुकानदार कल्याण मार्केटिंग के कारखाने पर खाद्य विभाग ने बुधवार को छापा मारा। यहां पर गंदगी के बीच एक ही परिसर में हल्दी, मिर्च, धनिया, बेसन, चायपत्ती, डिटर्जेंट पाउडर आदि की पैकिंग की जा रही थी। यहां बड़ी मात्रा में राशन जब्त किया। एडीएम अभय बेड़ेकर ने बताया कि एक ही जगह बेतरतीब तरीके से पैकिंग में केमिकल की आशंका है। यहां से पैक अलग-अलग सामग्री के 16 सैंपल लिए हैं।

फर्म का मालिक भरत दवे मौजूद नहीं था। उसका बेटा तुषार मौके पर पहुंचा था। राशन के पैकेट पर मिस ब्रांडिंग के साथ ही बैच नंबर और पैकिंग की जानकारी नहीं मिली। उपभोक्ता शिकायत कर सकें इसके लिए कंज्यूमर कंप्लेंट एड्रेस और कंज्यूमर कंप्लेंट ई-मेल आईडी भी नहीं मिली। ताकि बाजार में यह राशन बिकने के दौरान कोई गड़बड़ी मिलने पर इसे ट्रैक नहीं कर पाएं। यह ग्राहकों के साथ सरासर धोखाधड़ी है।

दवे दबाव बना कंट्राेल दुकानों से बिकवाता था राशन
एडीएम बेड़ेकर ने बताया कि मंगलवार को 13 राशन दुकानों पर की गई कार्रवाई के दौरान प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि राशन माफिया भरत दवे अपनी दुकान के नाम से ब्रांड बनाकर कई तरह की सामग्री सरकारी राशन दुकानों में जबरदस्ती बिकवाता था। इसमें खाद्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी और संलिप्तता भी देखने को मिली है। राजेंद्र नगर पुलिस ने दवे पर संचालक पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। वहीं पैकिंग में उपयोग की जा रही तौल मशीन को लेकर नाप तौल विभाग ने भी कार्रवाई की है।

खाद्य विभाग राशन दुकानों पर छापा मार रहा था, मीणा माफिया से बात कर रहा था
इंदौर | राशन माफियाओं से संबंध में सस्पेंड किए गए जिला आपूर्ति नियंत्रक आरसी मीणा ने दो माह में पांच उचित मूल्य की दुकानों को बिना जांच और अपर कलेक्टर (खाद्य) को जानकारी में लाए बिना बहाल कर दिया। कलेक्टर मनीष सिंह ने एक माह पहले भी उनकी कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए शासन से मीणा के अन्यत्र ट्रांसफर करने का पत्र लिखा था। मंगलवार को 13 राशन दुकानों पर मारे गए छापे में भी भारी अनियमितता मिली थी, जिसके बाद मीणा को निलंबित करने की अनुंशसा कलेक्टर ने की थी। राशन दुकानों को सील करने की कार्रवाई के दौरान मीणा राशन घोटाले से संबंधित भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े से मोबाइल पर बात कर रहा था। इसकी रिकॉर्डिंग की कलेक्टर जांच करा रहे हैं।

पहले भी विवादों में रहे हैं मीणा : मीणा इससे पहले भी अपनी ज्वाइनिंग को लेकर विवादों में रहे हैं। कोरोना काल में इंदौर में रहे जिला आपूर्ति नियंत्रक मुजाल्दे का तबादला होने के बाद वे कोर्ट से स्टे लेकर आ गए थे और मीणा भी ट्रांसफर होकर इंदौर आ गए थे। इसके बाद दोनों ही अफसर एक ही केबिन में बैठने लगे थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ