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अखंड वेदांत संत सम्मेलन शुरू:जीवन के कर्म और व्यवहार क्षेत्र में हर दिन आने वाले सभी संशयों का हल वेदांत में मिलता है : ज्ञानानंद तीर्थ


 चार दिनी आयोजन के पहले दिन भक्तों को बांटे मास्क

वेदांत का चिंतन हमारे अंतःकरण को निर्मल और पवित्र बनाने का काम करता है। जिस तरह खीर और खिचड़ी बनाने के लिए पहले धान को चावल में बदलना होता है, उसी तरह अपने अज्ञान के आवरण को हटाने के बाद ही आत्म तत्व का बोध होता है।

भगवत तत्व को जानने की जिज्ञासा का नाम है वेदांत। जीवन के कर्म और व्यवहार क्षेत्र में हर दिन आने वाले संशयों का हल वेदांत में मिलता है। यह बात जगदगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने शुक्रवार को बिजासन रोड स्थित अविनाशी अखंड धाम आश्रम में 53वें अखिल भारतीय अखंड वेदांत संत सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कही। अध्यक्षता आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप ने की। प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक होंगे।

आयोजन में संतों ने भी कराया मेडिकल परीक्षण, कई संतों ने दिए प्रवचन
महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, स्वामी जगदीशानंद, साध्वी परमानंदा सरस्वती, स्वामी देवकीनंदन दास, भागवताचार्य अर्चना दुबे, स्वामी वीतरागानंद, स्वामी दुर्गानंद, स्वामी राजानंद एवं अन्य संतों ने भी विचार व्यक्त किए। आयोजन समिति की ओर से गोपाल सांखला, हरि अग्रवाल, दीपक जैन, मोहनलाल सोनी, सचिन सांखला आदि ने संतों का स्वागत किया। गुरु वंदना स्वामी राजानंद एवं स्वामी दुर्गानंद ने प्रस्तुत की। शंकराचार्य एवं अन्य संतों ने भी अपना मेडिकल परीक्षण कराया। संचालन स्वामी नारायणानंद ने किया।

सम्मेलन में कोरोना योद्धाओं का सम्मान आज
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष राजेश गर्ग, शैलेंद्र मित्तल के अनुसार शनिवार दोपहर 2 बजे कोरोना योद्धाओं का सम्मान होगा। सांसद शंकर लालवानी द्वारा कोरोना काल में किए गए सेवा कार्यों के लिए उनका भी सम्मान किया जाएगा।

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