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जम्मू से रिपोर्ट:वैष्णो देवी की पुरानी गुफा को दर्शन के लिए खोला गया, अभी पुजारी और स्टाफ ही कर सकेंगे दर्शन

 

हर साल की तरह मकर संक्रांति के दिन से वैष्णो देवी की पुरानी गुफा से दर्शन की शुरुआत हो गई है।

आज से वैष्णो देवी की पुरानी गुफा को दर्शन के लिए खोल दिया गया है। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे और फिर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक दर्शन के लिए गुफा को खोला जाएगा। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को लेकर कहा है कि शुरुआत में केवल पुजारी और मंदिर के स्टाफ ही दर्शन कर सकेंगे। आम लोगों के लिए दर्शन की इजाजत कब मिलेगी इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। उम्मीद जताई जा रही है कि यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जल्द ही बोर्ड कुछ दिनों में फैसला ले सकता है।

इस बीच अभी नई गुफा से यात्रा जारी है। कोरोना से पहले एक दिन में 10 हजार के करीब श्रद्धालु आते थे। लेकिन, अभी 2 से 3 हजार लोग ही दर्शन के लिए आ रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो सकता है। कोरोना के चलते कई महीनों तक यात्रा बंद रही थी। जिसके बाद खुली तो दर्शकों की संख्या घट गई।

कोरोना SOP को किया जायेगा फॉलो

कोरोनावायरस के चलते वैष्णो देवी यात्रा को लेकर सावधानियां बरती जा रही है। श्राइन बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पहले गुफा को पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है | उसके बाद पारंपरिक तरीके से गुफा को गंगा जल से साफ किया जाएगा। फिर पूजा अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही यहां आने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना होगा। क्योंकि पुरानी गुफा बहुत तंग है और इसमें बैठकर या लेटकर जाना पड़ता है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना एक मुश्किल टास्क होगा। साथ ही गुफा को भी बार-बार सैनिटाइज करना होगा।

श्रद्धालुओं में खासा उत्साह

साल 1986 में जब माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन हुआ तब तक यात्रा पुरानी पारंपरिक गुफा से ही चलती थी। उसके बाद से जब कभी भीड़ कम होती तो ही जनवरी से मार्च तक इस गुफा को खोला जाता। पिछले कुछ सालों से पुरानी गुफा को 14 या 15 जनवरी से मध्य मार्च तक खोला जाता है। इस बीच अगर भीड़ बढ़ती है तो बंद कर दिया जाता है। पुरानी गुफा खुलने पर श्रद्धालु चाहते हैं कि उन्हें दर्शन का मौका मिले।

पंजाब से आए निपुण शर्मा के कहना है कि अभी उन्हें जानकारी नहीं है , लेकिन अगर उन्हें पुरानी गुफा से दर्शन करने का मौका मिला तो वह खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे। गुजरात से आए अखिल पटेल का भी कुछ यही कहना है। वो कहते हैं कि हम हर वर्ष जनवरी या फरवरी में वैष्णो देवी आते हैं, क्योंकि एक तो इस समय भीड़ काम रहती है ,दूसरा पारंपरिक गुफा खुली होती है। इस बार कोरोना की वजह से हमें लगता था शायद नहीं खुलेगी।

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