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राजेंद्र नगर राऊ या महू में बनेगा नया रेलवे स्टेशन, क्योंकि सभी परियोजनाएं इसी तरफ

 

एमआर-10 पर आईएसबीटी के पास स्टेशन बनाने की योजना को रेलवे ने सारे पहलू परखने के बाद खारिज कर दिया है। रेलवे का कहना है जहां दो लाइनें अलग-अलग दिशा में विभाजित हो चुकी हों, वहां स्टेशन बनाने का फायदा नहीं। प्रस्तावित परियोजनाओं को देखते हुए रेलवे ने राऊ, महू और राजेंद्र नगर को प्राथमिकता बताया है, यानी अब नया स्टेशन इन तीन स्थानों में से ही कहीं बनेगा। इससे राज्य सरकार व प्रशासन भी काफी हद तक सहमत है।

मास्टर प्लान 2035 में इसके लिए जमीनें सीज की जाएंगी। दरअसल, रेलवे से जुड़ी सारी अहम परियोजनाएं राऊ, महू और राजेंद्र नगर की तरफ ही आ रही हैं। भले ही उनमें काम अभी कम हुआ हो, लेकिन महू-सनावद ट्रैक, इंदौर-दाहोद, टीही स्टेशन इस जोन में ही हैं। ऐसे में नया स्टेशन यहां बनाने से इंदौर को महाराष्ट्र और गुजरात से जोड़ने की जितनी परियोजनाएं हैं, उन्हें पूरा करना अपेक्षाकृत सरल होगा। महू-सनावद ट्रैक का काम ही पूरा होने से इंदौर मनमाड़ लाइन पर महाराष्ट्र से जुड़ेगा और मुंबई जाना आसान हो जाएगा। टीही से कनेक्टिविटी होने से कंटेनर ट्रेनों की आवाजाही भी कांडला, मुंबई तक सहज होगी। इसे लेकर सांसद शंकर लालवानी की रेलवे अफसरों से बात हुई है। उनके मुताबिक, अब रेलवे से जुड़ी आगे की योजनाएं इन्हीं तीन स्टेशनों को ध्यान में रखकर तैयार करेंगे।

कुमेड़ी में छूट रही थी एक लाइन
एमआर-10 पर जिस जगह स्टेशन की जमीन है, वहां सिर्फ इंदौर-देवास की ब्रॉडगेज लाइन है। इंदौर-चंद्रावतीगंज-उज्जैन की दूसरी लाइन लक्ष्मीबाई नगर और बाणगंगा के पास से अलग दिशा में चली जाती है। यही वजह है कि एक रेलवे क्रॉसिंग एमआर-10 पर चंद्रगुप्त चौराहे के आगे आता है, जबकि दूसरा सुपर कॉरिडोर पर भौंरासला जंक्शन के आगे। रेलवे का कहना था कि एमआर-10 पर कुमेड़ी में स्टेशन बनाएंगे तो एक लाइन (इंदौर-देवास) की तरफ वाली गाड़ियां ही उस पर से गुजरेंगी। उज्जैन-फतेहाबाद का काम पूरा होने के बाद दूसरी लाइन पर भी अब ट्रैफिक बढ़ना है, वह स्टेशन से अलग रह जाएगा।

टीपीएस-7 घोषित हुई है कुमेड़ी में
आईडीए ने कुमेड़ी में स्कीम 176 की जगह जो नई स्कीम टीपीएस-7 घोषित की है, उसमें रेलवे की जमीन को अलग रखा है। सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि यह जमीन स्कीम से बाहर है। लालवानी के मुताबिक, नया स्टेशन बनने पर रेलवे को नसिया, लुनियापुरा होते हुए महू तक तीसरा रेलवे ट्रैक बिछाना होगा। तीसरा ट्रैक बनने के बाद यहां से महू तक गाड़ियों की आवाजाही निर्बाध हो सकेगी।

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