*लाड़ली लक्ष्मियों को वितरित की छात्रवृत्ति, आँगनवाड़ी तथा वन स्टॉप सेंटर का किया लोकार्पण*
प्रदेश में बालिकाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकार को लेकर जागरूकता लाना और उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगातार नवाचार किए जा रहे हैं। इसी श्रंखला में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर किशोरी बालिकाओं की सुरक्षा, जागरूकता, जानकारी, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से ''पंख अभियान'' की शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने लाड़ली लक्ष्मियों के खाते में छात्रवृत्ति का अंतरण किया तथा नवनिर्मित आँगनवाड़ी तथा वन स्टॉप सेंटर भवनों का लोकार्पण भी किया। मातृ वंदना योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि भी अंतरित की गयी। इंदौर के कलेक्टर कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष से इस कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट तथा पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर शामिल हुईं।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मिंटो हाल में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पंख अभियान की शुरूआत की। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूरे प्रदेश में 501 ऑगनवाडी केन्द्र और 12 वन स्टाप सेंटर का वर्चुअल लोकार्पण किया। इसमें इंदौर संभाग की 57 आँगनवाड़ी केन्द्र भवन और तीन वन स्टाप सेंटर भवन शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम के माध्यम से शौर्या दल की बालिकाओं, वनस्टाप सेंटर की महिला और लाड़ली लक्ष्मियों से लाईव टेलीकास्ट के माध्यम से संवाद भी किया। इस अवसर पर भोपाल के कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री अशोक शाह, प्रमुख सचिव शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी विशेष रूप से मौजूद थे। समारोह को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जायेगा। बेटियाँ में करूणा, दया, प्रेम, आत्मीयता, भक्ति, कर्म, ज्ञान, साहस, शौर्य भरपूर है। इनके बिना दुनिया चल नहीं सकती है। अगर इनके साथ कोई घटना-दुर्घटना होती है तो बहुत दुख होता है। बेटियों के साथ दुराचार और अपराध करने वालों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जायेगा, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले, ऐसे प्रावधान किये जायेंगे। हमारी संस्कृति एवं सभ्यता में अनादिकाल से ही बेटियों की पूजा की जा रही है। बेटियों की पूजा हमारी संस्कृति और सभ्यता का अंग है। बालिकाओं और महिलाओं को सुरक्षा,पोषण, ज्ञान, स्वास्थ्य आदि सुविधाएँ देने के लिये पंख अभियान शुरू किया गया है।
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