वन मंडल की बड़गोंदा बीट के डिप्टी रेंजर राम सुरेश दुबे ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर सहित 20 ग्रामीणों के खिलाफ डकैती डालने की धाराओं में केस दर्ज किए जाने को लेकर आवेदन बड़गोंदा थाने में दिया है। इसमें उल्लेख है कि अवैध खुदाई के मामले में 10 जनवरी काे एक बुलडोजर और ट्रैक्टर ट्रॉली काे जब्त किया गया था। 11 काे मंत्री व अन्य वन विभाग के परिसर में खड़े बुलडोजर और ट्रॉली काे ले गए। मंगलवार को डिप्टी रेंजर का आवेदन सामने आया तो हड़कंप मच गया। वन संरक्षक डाॅ. किरण बिसेन ने सफाई दी कि मैंने केस दर्ज करने के आदेश नहीं दिए। वन मंत्री विजय शाह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम बड़गोंदा में मनोज पिता अशोक पाटीदार द्वारा 10 जनवरी को रास्ता बनाने के लिए खुदाई की जा रही थी। इस पर डिप्टी रेंजर दुबे ने स्टाफ के साथ जाकर खुदाई रुकवाई। बुलडोजर और ट्रॉली को जब्त कर परिसर में खड़ा करवा दिया था। इस कार्रवाई दौरान मनोज का स्टाफ से काफी विवाद भी हुआ था। मंत्री समर्थक होने की भी धौंस दी गई थी। इसके बाद 11 जनवरी को विधानसभा में मंत्री का कार्यक्रम था।
इसी में मनोज ने बुलडोजर, ट्रॉली जब्त किए जाने की जानकारी मंत्री को दी थी। अब डिप्टी रेंजर का आरोप का है कि प्रोग्राम खत्म होने के बाद मनोज, सहित 20 लोग कैंपस में घुसे। मंत्री भी बाहर ही खड़ी थीं। बुलडोजर और ट्रॉली वह बगैर अनुमति लेकर चले गए। इस पर मंत्री ठाकुर, मनोज, सुनील यादव, अमित जोशी, वीरेंद्र आंजना, सुनील पाटीदार, प्रदीप पाटीदार, सुरेश कुंवर सिंह सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने का आवेदन दिया था।
आवेदन मिला तो जांच करेंगे
आईजी हरिनारायण चारी मिश्र का कहना है कि हमें वन विभाग की तरफ से अभी कोई आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलने पर जांच की जाएगी।
मेरी मौजूदगी में बुलडोजर नहीं लेकर गए : ठाकुर
इस मामले में मंत्री ठाकुर ने कहा कि मेरी मौजूदगी में बुलडोजर और ट्रॉली नहीं ले जाई गई। जहां पर रास्ता बनाने का काम चल रहा था वहां पैदल चलना भी मुश्किल है। ग्रामीण अपने खर्चे से कच्ची रोड बना रहे थे। जबरन उन्हें परेशान किया जा रहा था।
तटस्थ कमेटी जांच करेगी
वन मंत्री विजय शाह ने इस मामले में कहा- एक तटस्थ कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। हर पहलू की पड़ताल करवाई जाएगी।
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