इंदौर में पकड़ा गया MDMA ड्रग्स गिरोह पिछले दो साल में 100 करोड़ से अधिक की ड्रग्स को इंदौर में खपा चुका है। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने कई इलाके और अलग-अलग काम को बांटा हुआ था। ड्रग को इंदौर और आसपास के इलाकों में लाने का जिम्मा मंदसौर के चिमन का था। दरअसल, चिमन अग्रवाल गिरोह के टेंट व्यवसायी महालक्ष्मी नगर निवासी दिनेश अग्रवाल का भतीजा है। चिमन कई अलग-अलग तरीकों से तेलंगाना से ड्रग ला रहा था।
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया, चिमन ट्रांसपोर्टिंग के अलग-अलग तरीके अपनाकर देश के दूसरी जगहों से ड्रग इंदौर लाता था। कभी ट्रकों के अंदर मुर्गी दाना की कोडिंग कर ड्रग्स लाता, तो कभी पीथमपुर की फार्मा कंपनियों में सप्लाई किए जाने वाले पाउडर बताकर ड्रग्स लाता था। दिनेश अग्रवाल के बारे में बताया जा रहा है कि वह हैदराबाद के वेदप्रकाश व्यास से नशा लाता था। वेद प्रकाश की तेलंगाना में मेडिसिन लैब है, जिसमें दवाइयां बनाई जाती हैं। पुलिस इस बात की तफ्तीश करने हैदराबाद जाएगी, कहीं लैब में ड्रग तो तैयार नहीं हो रहा था।
दिनेश के पास हमेशा रहती थी ड्रग्स
आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि दिनेश अग्रवाल का भतीजा हमेशा ड्रग्स की खेप के साथ रहता था। एक गाड़ी में ड्रग्स रहता था, दूसरी गाड़ी से वह आगे-पीछे चलता था। ड्रग मौके पर पहुंचाने के बाद ही वह रवाना होता था। इधर, आरोपी वेद प्रकाश व्यास के ड्राइवर ने पूछताछ में बताया, अब तक 100 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स इंदौर में खफा चुके हैं। कोरोना काल में भी आरोपी नशे की खेप लेकर आते थे।
इंदौरी रैकेट को तोड़ने में जुटी पुलिस
पकड़ाए आरोपी वेद प्रकाश व्यास के देशभर के ड्रग्स तस्करों से संबंध हैं। मध्य प्रदेश के भी कई जिलों में वह माल सप्लाई करने आता था। आईजी मिश्र के अनुसार आरोपियों से उनके इंदौरी अन्य कनेक्शनों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है।
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