नवागत डीआईजी मनीष कपूरिया पहले ही दिन दवा बाजार के पास ट्रैफिक जाम में फंस गए। वे आईजी से मिलने के लिए निकले थे, लेकिन चौराहे पर देर तक फंसे रहे। शहर के ट्रैफिक की हालत देख बोले- अब ट्रैफिक सुधारना मेरी प्राथमिकता है।
अब ट्रैफिक सुधार ही प्राथमिकता
डीआईजी ने कहा कि इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है, लेकिन ट्रैफिक में बेहाल है। लोगों से अपेक्षा है कि स्वच्छता में जितना सहयोग किया, उतना ही क्राइम रोकने में भी करें।
शहर तो रोज ही भुगत रहा है 30 चौराहों पर हर दिन जाम में बर्बाद हो रहे हजारों घंटे
इंदौर | डीआईजी को पहले ही दिन जाम ने परेशान कर दिया, जबकि शहर की जनता दिन में कई बार जाम से जूझ रही है। स्थिति यह है कि 30 चौराहों पर दिन में कई बार जाम लगता है। इनमें 15 तो बीआरटीएस के हैं, जहां सिग्नल होने के बाद भी जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। गिने-चुने चौराहों पर ही ट्रैफिक के जवान नजर आते हैं। उनमें भी ज्यादातर ट्रैफिक सुधारने में गंभीरता नहीं दिखाते।
शहर में 85 बड़े और 50 छोटे चौराहे
- 112 चौराहों पर लगे हैं सिग्नल
- 32 चिह्नित एक्सीडेंट जोन हैं शहर में।
- 30 चौराहों पर दिन में कई बार लग रहा जाम
- 15 चौराहे बीआरटीएस के वहां भी जाम
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