- 30% कम सिलेबस के साथ की थी तैयारी, 2.5 लाख छात्र उलझन में
माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं-12वीं के छात्रों को अब फिर से पुराने पैटर्न पर परीक्षा देना होगी और इसके लिए नए सिरे से तैयारी करना होगी। टाइम टेबल भी अब नया जारी करने को लेकर चर्चा चल रही है। इससे अब इंदौर के ढाई लाख सहित प्रदेश के 18 लाख छात्रों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। दोनों बोर्ड परीक्षा के छात्रों ने माशिमं की वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रश्न बैंक के आधार पर ही परीक्षा की तैयारी कर ली थी। शिक्षकों ने भी उसी के मुताबिक पढ़ाई कराई थी।
अब चूंकि सिलेबस बदल गया तो फिर छात्र कैसे पढ़ाई करेंगे और शिक्षक कैसे इतनी जल्दी पढ़ाई कराएंगे। इधर, सितंबर से अभी तक तीन बार प्रश्नों का पैटर्न बदला जा चुका है। दरअसल, कोरोना काल और लॉकडाउन को देखते हुए माशिमं अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने इस बार बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न लागू किया था। उन्होंने 30 फीसदी सिलेबस कम कर दिया था। छात्रों की सहूलियत के लिए प्रश्न बैंक बनवाया था और उसे वेबसाइट पर अपलोड किया था। उसके आधार पर ब्लू प्रिंट भी तैयार हो गए थे। कई पब्लिशर ने किताबें बाजार में उतार दी थीं। उनकी मदद से छात्रों ने पढ़ाई भी पूरी कर ली, लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगाते हुए अध्यक्ष के सारे आदेश रद्द कर दिए।
बाल आयोग का सुझाव- पुराना पैटर्न ही सही रहेगा
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग को इस संबंध में पत्र लिखकर समय की कमी बताते हुए पुराना पैटर्न लागू करने का सुझाव दिया था। उनके सुझाव के मद्देनजर स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव ने मप्र माशिमं अधिनियम की धारा 9(4) एवं (5) में दिए गए अधिकारों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार ने माशिमं को निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2020-21 शिक्षण सत्र की परीक्षाएं पूर्व वर्षों के अनुसार प्रिंटेड प्रश्न-पत्र, ब्लू प्रिंट और मूल्यांकन पद्धति को यथावत रखते हुए परीक्षा कराई जाए। आदेश में कहा है कि कोविड-19 संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए परीक्षा पैटर्न में परिवर्तन करना व्यावहारिक व छात्रहित में नहीं होगा।
अब होंगे 100 अंक के पेपर
पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा
छात्रों को अब पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा देनी होगी। सरकारी आदेश के मुताबिक अभी तक जो बदलाव किए थे, वे बदल दिए गए हैं। टाइम टेबल में बदलाव को लेकर अभी चर्चा की जाएगी।
- उमेश कुमार सिंह, सचिव, माशिमं
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