Header Ads Widget

Responsive Advertisement

कलयुगी बेटे को सजा:मूक बधिर मां से दुष्कर्म करने वाले वहशी बेटे को 10 साल का कारावास

 

प्रतिकात्मक फोटो
  • मां ने जज को इशारों में समझाई पीड़ा, 5 माह तक सहती रही
  • बेटी ने हौसला बढ़ाया, रिश्तेदार केस वापस लेने का दबाव बनाते रहे, लेकिन नहीं झुकीं

मूक बधिर मां ने जिस बेटे को जन्म दिया, वही उसके साथ ज्यादती करता रहा। नशे का आदी बेटा आए दिन दुष्कर्म करता। मां सिसकती रहती, किसी को अपनी पीड़ा को समझा नहीं पाती। आखिर मुंबई में नौकरी करने वाली बेटी को 24 वर्षीय भाई की इस हरकत का पता चला। रिश्तेदारों ने मां पर दबाव बनाया, लेकिन बेटी ने उन्हें दुष्कर्मी बेटे के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए राजी कर लिया।

केस दर्ज होने के बाद मामला कोर्ट पहुंचा। अपर सत्र न्यायालय में मां ने इशारों में बेटे की हरकतों को समझाया। सांकेतिक भाषा व मूक-बधिरों के लिए संघर्ष करने वाले ज्ञानेंद्र पुरोहित, मोनिका पुरोहित ने इशारों को शब्दों के जरिए कोर्ट को घटना बताई। कोर्ट ने बेटे को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई।

केस दर्ज करवाने में भी हुआ संघर्ष

ज्ञानेंद्र के मुताबिक हमें इस घटना की जानकारी 2017 की शुरुआत में लगी। बेटा चार-पांच महीने पहले से ज्यादती करता आ रहा था। मां और बेटा घर में रहते थे तो कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह इस तरह की हरकत करता होगा।

बहन को जब भाई की हरकत के बारे में पता चला तो उन्होंने हमसे संपर्क किया। मां को केस के लिए तैयार करना, फिर पुलिस में केस दर्ज कराना भी कम संघर्ष का काम नहीं था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की और चालान पेश किया। कोर्ट में 56 वर्षीय पीड़ित महिला ने इशारों में लंबे समय से हो रही ज्यादती के बारे में बताया। बेटी ने भी भाई के द्वारा मां से की गई हरकतों का विरोध किया। पुलिस की ओर से शासकीय अधिवक्ता दिनेश खंडेलवाल ने पैरवी की।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ