- कार्रवाई के बाद अब बिजली कंपनी के किसी भी टेंडर में शामिल नहीं हो पाएंगी
पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत वितरण कंपनी ने अपने आउटसोर्स कर्मचारियों के पीएफ का पैसा हड़पने वाली चार कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इनके टर्मिनेशन की कार्रवाई भी हाथाेहाथ कर दी। ब्लैकलिस्ट होने के बाद अब ये कंपनियां बिजली वितरण कंपनी द्वारा बुलाए जाने वाले किसी भी टेंडर में शामिल नहीं हो सकेंगी। इन कंपनियों के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ भी जांच कर रहा है। यदि केस दर्ज हुआ तो इन कंपनियों के कर्ताधर्ता भी मुश्किल में आ सकते हैं।
बिजली कंपनी के एमडी अमित तोमर के मुताबिक थर्ड आई सिक्युरिटी सर्विस, बीवीजी इंडिया, बालाजी सिक्युरिटी सर्विसेज और प्राइम वन वर्कफोर्स को ब्लैकलिस्ट किया गया। इन पर आरोप है कि प्रदेेश की तीन वितरण कंपनियों में कर्मचारियों को आउटसोर्स पर रखा गया था, लेकिन उक्त चारों कंपनियों ने इनके पीएफ के 10 करोड़ रुपए जमा नहीं किए, जबकि यह राशि वेतन से काटी गई थी।
वहीं केंद्र की रोजगार मुहैया कराने पर दी जाने वाली अनुदान राशि का भी लाभ ले लिया था। पिछले दिनों ऊर्जा सचिव आकाश त्रिपाठी ने इन कंपनियों पर केस दर्ज करने, ब्लैकलिस्ट करने के आदेश एमडी तोमर को दिए थे। हालांकि तोमर पहले ही इस मामले की जांच शुरू कर चुके हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से कर्मचारियों के पीएफ खाते के दस्तावेज भी मांगे थे। संगठन ने कंपनी को जो नोटिस जारी किए थे, वे साक्ष्य के रूप में भेजे गए थे।
पहले काॅन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका
चारों कंपनियों को मिला काॅन्ट्रैक्ट एक साल पहले ही खत्म हो चुका है। इनका कार्यकाल दो-दो महीने के लिए बढ़ाया जाता रहा। इस बीच इन कंपनियों के कर्मचारी बिजली कंपनी को ही राजस्व की हानि पहुंचाने में जुट गए थे। फर्जी केस बनाकर उनका निराकरण कराना, गलत बिल जारी करना, अवैध कनेक्शन जुड़वाने की शिकायत भी प्रबंधन को लगातार मिल रही थी।
0 टिप्पणियाँ