यह अच्छी खबर राजस्थान के बूंदी जिले से है। यहां के रिटायर्ड प्रिंसिपल बृजमोहन मीणा ने टोंक जिले के एक गांव में अपने बेटे का रिश्ता तय किया है। मंगलवार को उसकी सगाई थी। इसकी रस्में चल ही रहीं थी कि लड़की के पिता ने नोटों की गडि्डयों से भरा थाल सामने रख दिया। यह देख बृजमोहन मीणा ने कहा कि ये रुपए उन्हें नहीं चाहिए। हमें सिर्फ बेटी चाहिए। यह कहकर बतौर दहेज मिल रहे 11 लाख रुपए लौटा दिए। लोगों ने रिवाजों की दुहाई दी तो उन्होंने महज 101 रुपए शगुन के तौर पर रख लिए।
बृजमोहन मीणा खजूरी पंचायत के पीपरवाला गांव में रहते हैं। वह बेटे रामधन की सगाई के लिए उनियारा तहसील के सोलतपुरा गांव पहुंचे थे। यहां की आरती मीणा के साथ रामधन की सगाई होनी थी। इसी दौरान दुल्हन पक्ष ने उन्हें 11 लाख 101 रुपए दिए। बृजमोहन मीणा ने इस रकम में से 101 रुपए की भेंट ली और 11 लाख रुपए लेने से इनकार कर दिया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने इसके लिए उनकी तारीफ की और सभी को इससे सीख लेने की अपील की।
अपने होने वाले ससुर के फैसले से दुल्हन आरती मीणा बहुत खुश हैं। आरती ने कहा कि उन्होंने दहेज में मिल रही रकम लौटाकर समाज को संदेश दिया है। इससे बेटियों का सम्मान बढ़ेगा। आरती B.Sc. करने के बाद B.Ed. कर रही हैं।
वहीं, आरती के दादा प्रभु लाल मीणा का कहना है कि समधी बृजमोहन मीणा का दहेज की रकम लौटाना हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर जिले में इस तरह का ऐसा यह पहला मामला है। उन्होंने समाज को नई प्रेरणा दी। इसे सभी को अपनाने की जरूरत है।
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