Header Ads Widget

Responsive Advertisement

इतिहास में आज:2001 में संसद हमले की साजिश रचने वाले अफजल गुरु को हुई थी फांसी, उसने फांसी से पहले गाना गाया था

 

2001 की 13 दिसंबर की सुबह। संसद में विंटर सेशन चल रहा था और महिला आरक्षण बिल पर हंगामा जारी था। बिल पर चर्चा होनी थी, लेकिन हंगामे की वजह से 11 बजकर 2 मिनट पर संसद को स्थगित कर दिया गया।

इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद एम्बेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद परिसर में घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।

ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एम्बेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आनन-फानन में आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। बस फिर क्या था, घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे।

शाम 4 बजे तक ऑपरेशन चला और सभी पांचों आतंकी मारे गए। संसद पर हुए इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, CRPF की एक महिला सिक्योरिटी गार्ड, राज्यसभा के दो कर्मचारी और एक माली की मौत हो गई।

संसद हमले के दो दिन बाद 15 दिसंबर 2001 को अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरु की मौत की सजा को बरकरार रखा। शौकत हुसैन की मौत की सजा को भी घटा दिया और 10 साल की सजा का फैसला सुनाया।

संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को आज ही के दिन 2013 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी दी गई थी। अफजल गुरु को तिहाड़ में जेल नंबर तीन में रखा गया था।

अपने लिए जिए तो क्या जिए...
तिहाड़ में 35 साल तक लॉ अफसर रहे सुनील गुप्ता अपनी किताब "ब्लैक वॉरंट: कन्फेशन ऑफ ए तिहाड़ जेलर' में लिखते हैं कि फांसी वाली सुबह अफजल गुरु ने कहा था- वो कश्मीरी अलगाववादी नहीं है। वो सिर्फ भ्रष्ट नेताओं की जान लेना चाहता था। इसके बाद उसने 1966 में आई फिल्म बादल का "अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ऐ दिल जमाने के लिए' गाना गाया।

सुनील गुप्ता लिखते हैं कि फांसी वाले दिन उसने चाय मांगी, लेकिन उस दिन चाय बनाने वाला चला गया था, तो अफजल आखिरी बार चाय भी नहीं पी पाया। फांसी पर लटकाने के दो घंटे बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। अफजल को मकबूल बट्ट के बगल में ही दफनाया गया था।

जब एक घोड़े की खोज में लग गई थी पूरे देश की पुलिस
आज ही के दिन 1983 में आयरलैंड की एक रेस के मशहूर घोड़े 'शेरगर' को किसी ने चुरा लिया था। उसकी खोज में पूरे आयरलैंड की पुलिस लग गई थी। ये घोड़ा आगा खान का था। आगा खान आयरलैंड के इमाम हैं। आयरलैंड में इस तरह की ये पहली चोरी थी। 1981 में ही शेरगर को साल का सबसे बेहतरीन घोड़ा चुना गया था।

उस समय इस घोड़े की कीमत एक करोड़ पाउंड थी और उसका तीन लाख पाउंड का इंश्योरेंस भी था। 10 फरवरी की रात घोड़ा चुराने वालों ने 20 लाख पाउंड की फिरौती मांगी थी, लेकिन फिरौती देने से मना कर दिया गया था। बाद में उस घोड़े का कुछ पता नहीं लगा। बीमा कंपनियों ने भी इंश्योरेंस देने से मना कर दिया था, क्योंकि घोड़े की मौत की पुष्टि नहीं हो पाई थी।

भारत और दुनिया में 9 फरवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 2010ः हैती में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 2.30 लाख होने की आधिकारिक घोषणा की गई।
  • 2008: अपना जीवन कुष्ठ रोगियों के भले में लगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आमटे का निधन हुआ। बाबा आमटे को 1971 में पद्मश्री, 1985 में रेमन मैग्सेसे और 1986 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
  • 1975ः रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज-17 अंतरिक्ष में 29 दिन बिताने के बाद धरती पर लौटा।
  • 1971ः अमेरिकी स्पेसी एजेंसी का चांद पर भेजा गया अपोलो-14 मिशन धरती पर लौटा।
  • 1951ः आजाद भारत में पहली जनगणना के लिए सूची बनाने का काम शुरू हुआ।
  • 1757: रॉबर्ट क्लाइव ने अलीनगर संधि के जरिए कलकत्ता (अब कोलकाता) को सिराजुद्दौला से लेकर ब्रिटिश नियंत्रण वाले इलाके में शामिल किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ