- करदाताओं को कुल 568 करोड़ का लाभ हुआ
देश के टॉप अमीरों में शामिल कारोबारी गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, सुनील मित्तल के साथ ही मप्र में कारोबार करने वाले 22,517 करदाताओं ने वाणिज्यिक कर विभाग की ‘समाधान’ स्कीम में छूट का फायदा लिया है। इस स्कीम में सालों से लंबित मामले, जिसमें विभाग और करदाताओं के बीच 714 करोड़ राशि का टैक्स विवाद था, वह 146 करोड़ जमा होने से खत्म हो गया। करदाताओं को कुल 568 करोड़ का लाभ हुआ। अडानी, बिड़ला व मित्तल तीनों ने ही करीब 271 करोड़ की राशि बचाई है और केवल 70 करोड़ भरकर 276 करोड़ के टैक्स विवाद खत्म किए हैं।
पुरानी दो स्कीम से यह ज्यादा सफल, लेकिन प्रवेश कर में अभी राहत नहीं
पुराने टैक्स विवाद खत्म करने के लिए विभाग द्वारा साल 2001 में भी स्कीम लागू की गई थी। इसमें 1 लाख 5 हजार 245 मामले निपटे, लेकिन राशि 23 करोड़ ही जमा हुई। साल 2017 में आई स्कीम में केवल 2 हजार 80 प्रकरण निपटे। राशि 50 करोड़ जमा हुई। इस बार कुल 22 हजार 517 केसों का निराकरण हुआ, लेकिन टैक्स 146 करोड़ 52 लाख रुपए जमा हुआ। अभी इस स्कीम में प्रवेश कर संबंंधी और छापों वाले केस भी नहीं लिए गए, इनके लिए भी अलग से स्कीम लाई जाए तो हजारों केस खत्म हो सकते हैं और करोड़ों रुपए टैक्स भी जमा होगा।
इस तरह खत्म हुए विवाद
- अडानी के अडानी विल्मर समूह पर 3.40 करोड़ की टैक्स डिमांड थी, जो स्कीम के तहत 81 लाख जमा कर खत्म हो गया। इन्हें 2.60 करोड़ की बचत हुई।
- कुमार मंगलम बिड़ला के आइडिया सेल्यूलर का 124 करोड़ का विवाद था जो स्कीम में 39 करोड़ भरकर खत्म हुआ। इन्हें 85 करोड़ का लाभ हुआ।
- सुनील मित्तल के एयरटेल का 149 करोड़ का टैक्स विवाद था, जो 30 करोड़ भरकर खत्म हुआ।
- मप्र पॉवर जेनरेटिंग कंपनी का 13 करोड़ का विवाद था, उन्हें ढाई करोड़ ही भरने पड़े।
- मप्र स्टेट माइनिंग पर साढ़े चार करोड़ की मांग थी, उन्हें मात्र 22 लाख ही भरने पड़े।
इंदौर में 2825 कारोबारियों ने भरे 89 करोड़ : इंदौर के कुल 2825 कारोबारियों ने इस स्कीम में आवेदन किया था, उन पर कुल 383 करोड़ की टैक्स डिमांड थी, लेकिन केवल 89 करोड़ भरकर विवाद खत्म हो गए।
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