- माहेश्वरी सेवा संगठन उपलब्ध करवा रहा मुफ्त कोचिंग, कोरोना काल में भी नहीं रुका सिलसिला, ऑनलाइन लगाई जा रही कक्षाएं
- हर रविवार छात्राओं को पढ़ाते हैं 14 शिक्षक, अव्वल आने का सिखाते हैं हुनर
आर्थिक रूप से कमजोर, होनहार और जरूरतमंद छात्राओं को श्री माहेश्वरी सेवा संगठन 30 सालों से नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध करवा रहा है। यह सिलसिला कोरोना काल में भी नहीं थमा और अब ऑनलाइन कक्षा आयोजित की जा रही है।
सिर्फ छात्राओं को शिक्षित करने की इस पहल में जाति, धर्म और समाज का कोई बंधन नहीं है। यहां अब तक करीब 10 हजार से ज्यादा छात्राएं कोचिंग ले चुकी हैं। कक्षा नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं एवं बारहवीं की छात्राओं के लिए हर रविवार आयोजित की जाने वाली कक्षाओं में 14 शिक्षक अव्वल आने का हुनर भी सिखाते हैं। इसमें सूचना के अधिकार के तहत बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में आने वाली पूर्व छात्राओं की कॉपियां निकलवाकर वर्तमान छात्राओं को दिखाई जाती हैं, जिससे छात्राएं उन विद्यार्थियों के अनुभव का फायदा उठा सकें। जिन छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है, इनमें वे छात्राएं शामिल हैं, जो होनहार व प्रतिभावान तो हैं, लेकिन परिस्थिति अनुसार बड़ी फीस वाली कोचिंग क्लासेस में नहीं जा सकती हैं।
परीक्षा का डर दूर करने के लिए मनोचिकित्सक लेते हैं सेमिनार
परीक्षा के पहले मनोचिकित्सक सेमिनार लेते हैं, जिससे परीक्षा का डर दूर हो। यहां से पढ़ाई कर चुकी अपूर्वा कराहे का कहना है कि मेरी मेहनत के साथ यहां के शिक्षकों से मिला मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत फायदेमंद रहा। कोचिंग छात्राओं को प्रेरित करने के लिए समय-समय पर प्रेरक हस्तियों को आमंत्रित किया जाता है, जिनमें ओलिंपियन साक्षी मलिक, महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना सहित कई खिलाड़ी एवं महिला न्यायाधीश प्रमुख हैं।
25 छात्राओं से शुरू हुआ सिलसिला 700 तक पहुंचा
अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बंग के अनुसार 30 साल पहले यह कार्य उन जरूरतमंद छात्राओं के लिए शुरू किया था, जो कोचिंग में बड़ी फीस नहीं भर सकती थीं। इस दौरान नि:स्वार्थ भाव से पढ़ाने वाले शिक्षक भी हमारे साथ जुड़ते गए। इस प्रयास में वैष्णव ट्रस्ट के अध्यक्ष समाजसेवी पुरुषोत्तम दास पसारी एवं मंत्री गिरधरगोपाल नागर के सहयोग से हमें राजमोहल्ला स्थित वैष्णव स्कूल में कक्षा के संचालन के लिए स्थान प्राप्त हो जाता है। 25 छात्राओं को नि:शुल्क कोचिंग देने से शुरू किया गया नि:स्वार्थ कार्य अब हर वर्ष 700 छात्राओं तक पहुंच गया है। इस कक्षा का आज तक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। सफल व पूर्व छात्राएं एक-दूसरे को मौखिक जानकारी दे देती हैं।
कोचिंग क्लास में ये शिक्षक कर रहे नि:स्वार्थ शिक्षा दान
शिक्षा के दान की मुहिम में वे शिक्षक लगे हैं, जिनके लिए रुपया-पैसा से ज्यादा संतुष्टि अहमियत रखती है। इनमें रविजीतसिंह खनूजा, बीना मालानी शर्मा, प्रतीक उप्पल, नवीन मुद्गल, गिरधरलाल नागर, एसएस गोयल, अनीता जैन, मनोज कुइया, अनिल ओझा, परीक्षित श्रीवास्तव, प्रो. कुंभन खंडेलवाल, धर्मेंद्र जोशी, मनोज मालपानी, श्रीराज भूतड़ा मुफ्त शिक्षा दान कर रहे हैं। परीक्षा शुरू होने के तीन महीने पहले छात्राओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाते हैं, जिन पर कॉल करके छात्राएं अपनी समस्याएं बताकर उनका समाधान पूछ सकती हैं।
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