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डीजल के बढ़ते दाम का असर:परिवहन संचालकों ने माल भाड़े में 30% और बस, टैक्स किराए में 50% बढ़ोतरी की मांग की

 

रसोई गैस के बढ़े दामों के खिलाफ शहर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने विधानसभा क्षेत्र 2 में बीच सड़क पर खाना भी पकाया।

डीजल के बढ़ते दामों को लेकर बुधवार को बस, ट्रक, टैक्सी, ऑटो सहित सभी तरह के वाहन संचालकों ने महाबैठक की। इसमें मांग रखी कि व्यावसायिक माल भाड़े में 25 से 30 फीसदी की और बस, टैक्सी आदि के किराए में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए। साथ ही डीजल के बढ़ते दामों पर रोक लगाई जाए और इसके लिए इसमें टैक्स का बोझ कम किया जाए। इसे लेकर सभी संचालकों ने मप्र परिवहन महासंघ का गठन भी कर लिया है। इसकी औपचारिक बैठक 23 फरवरी को इंदौर में होगी, जिसमें एक दिन के इंदौर बंद की तारीख तय की जाएगी। इस दौरान सभी तरह का परिवहन एक दिन के लिए ठप करेंगे।

इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती की अध्यक्षता में भंवरकुआं चौराहे स्थित एक निजी होटल में हुई बैठक में 19 संघों के पदाधिकारी शामिल हुए। मुकाती ने कहा अपनी मांगों को लेकर सोमवार को हम कमिशनर, कलेक्टर व सभी जनप्रतिनिधियों को मांगपत्र देंगे। मंगलवार को एक दिन के बंद की तारीख तय करेंगे। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो फिर अनिश्चितकालीन बंद को लेकर रणनीति तय करेंगे।

इधर पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के खिलाफ मधुमिलन चौराहे पर यूथ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया।

ट्रांसपोर्ट : सरकार समय नहीं दे रही है
तेल के दाम में आग लगी है, हम सीएम से लेकर परिवहन मंत्री तक से बार-बार मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन कोई समय देने को तैयार नहीं है।
- सीएल मुकती, अध्यक्ष इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

यात्री बस : बोर्ड बैठक नहीं करते अफसर
साल 2018 में किराया बढ़ाने की बात पर सहमति बनी थी। डीजल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सरकार किराया बढ़ाने की मांग पर बहाने बनाती है। अधिकारी किराया बोर्ड की बैठक तक नहीं करते हैं।
- गोविंद शर्मा, प्राइम रूट बस ऑनर्स एसो. अध्यक्ष

स्कूल बस : रोजी-रोटी छिनने के दिन आए
कोरोना के कारण रोजी-रोटी छिनने के दिन आ गए हैं, अब डीजल की बढ़ती कीमतों ने कहीं का नहीं छोड़ा है। अब किराया नहीं बढाएं तो हम घरवालों को कैसे पालेंगे। - मांगीलाल पांचाल, स्कूल बस चालक संघ अध्यक्ष

ई-कैब : कोरोना के बाद अब ईंधन की मार
कोरोना से उबरने के बाद अब लोग टैक्सी में बैठना शुरू हुए थे, पूरे समय हम घर में बेरोजगार की तरह रहे, अब किराया पुराना होने से ग्राहकों से मिली राशि पूरे मेंटेनेंस और डीजल में ही चली जाती है।
- इंदर यादव, ई-कैब एसोसिएशन अध्यक्ष


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