नाबालिग बच्चियों को खोजने में इंदौर पुलिस अव्वल रही है। ऑपरेशन मुस्कान के तहत भंवरकुआ पुलिस ने महज 5 दिनों में 7 नाबालिगों को तलाश लिया है। बच्चें-बच्चियों को ढूंढने के लिए पुलिस की टीम इंदौर से लेकर महाराष्ट्र तक पहुंच गई थी। भंवरकुआ टीआई संतोष दूधी के अनुसार आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने पिछले दिनों लापता बच्चें-बच्चियों को तलाशने का टास्क दिया था। उसी कड़ी में अलग-अलग टीम बनाकर अपहृत बच्चों को तलाशने की मुहिम छेड़ी। दूधी के अनुसार 15 साल की एक बच्ची को धार जिले से, जबकि 17 साल की एक लड़की को महाराष्ट्र मालेगांव से, वहीं इसी उम्र की एक और बच्ची को छतरपुर से पुलिस ने बरामद किया है। 15 साल की एक लड़की को शाजापुर से ढूंढा, जबकि 16 साल की लड़की को खरगोन से बरामद किया है। इसी तरह 4 और 6 साल के दो मासूम भाई-बहन लापता हो गए थे उन्हें पुलिस टीम ने इंदौर में ही तलाश लिया। लापता बच्चें-बच्चियों की तलाश के लिए थाने के जवान धीरेन्द्र राठौर, राहुल रघुवंशी ,सब इंस्पेक्टर आनंद राय, आरक्षक विश्वास, अनिल, किशोर सहित एक और टीम लगी हुई थी।
पूरे झोन में 448 बच्चियों को खोजकर पुलिस ने उनके परिजनों के हवाले किया। इंदौर रेंज के आईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक नाबालिग बालक-बालिकाएं लम्बे समय से अपने घरों से बिना बताए चले गए हैं और परिवार से दूर हैं। उनको खोजने के लिए सरकार ने दिशा निर्देश दिए थे, जिसको लेकर पूरे झोन में अभियान चलाया गया था। इसमें अच्छी खासी सफलता मिली है। अकेले इंदौर जिले में 196 नाबालिग बच्चियों को पुलिस ने खोजकर उनके परिवार तक पहुंचाया, जबकि झोन के अंतर्गत आने वाले जिले खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, धार, बड़वानी, झाबुआ, आलीराजपुर से कुल 448 बच्चियों को एक माह के दौरान पुलिस ने ढूंढ निकाला। आईजी ने कहा कि इस तरह ये अभियान सतत चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि बच्चों के मिलने के बाद परिजन भी सुखद अनुभव महसूस कर रहे हैं, जो बच्चों के गुम होने के कारण परेशान थे।
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