केंद्र सरकार 50 साल से ज्यादा उम्र के 27 करोड़ लोगों को भी कोरोना की वैक्सीन मुफ्त देने की तैयारी कर रही है। इन्हें मार्च के मध्य में टीके लगने शुरू होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ रणनीति को लेकर बैठक करेंगे।
केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, 50 साल से ज्यादा उम्र के 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक टीके लगाने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि वैक्सीनेशन का कितना खर्च केंद्र देगा और कितना राज्य देंगे।
सूत्र ये भी बता रहे हैं कि वैक्सीनेशन खरीद का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाने के लिए राजी हो चुकी है, लेकिन वह चाहती है कि ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज पर होने वाला खर्च राज्य सरकारें उठाएं। प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 आखिरी फैसला लेगा।
35 हजार करोड़ के बजट से 46 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग सकती है
1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रु. घोषित हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि इस राशि से 46 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दो-दो डोज मुफ्त दिए जा सकते हैं। अगर राज्य खर्च उठाने से इंकार करते हैं कि बजट में घोषित राशि को बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि, हम मानकर चल रहे हैं कि राज्य सरकारें वैक्सीन के रखरखाव का खर्च उठाने को राजी हो जाएंगी।
अलग-अलग आयु वर्ग बनाने पर विचार हो रहा
50 साल के ऊपर के 27 करोड़ लोगों को अलग-अलग आयुवर्ग में रखने का विचार है। जैसे- 50 से 55, 56 से 60, 61 से 65, 66 से 70 और फिर 71 से ऊपर। पहले 71 से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगेगा या 50 के ऊपर के सभी लोगों को एक साथ लगेगा, इसकी रूपरेखा आखिरी दौर में है। हालांकि, अंतिम फैसला राज्यों से मिलने वाले सुझावों के बाद ही लिया जाएगा।
3 करोड़ लोगों को टीके के लिए 1873 करोड़ रुपए
1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगने वाली वैक्सीन पर कुल 1872.82 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें 1392.82 करोड़ रुपए वैक्सीन की खरीद पर खर्च हुए हैं, जबकि 480 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज पर खर्च हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने ‘कोवीशील्ड’ की एक डोज 210 रुपए, जबकि ‘कोवैक्सीन’ की 1 डोज 295 रुपए में खरीदी है।
70 लाख टीके लग चुके, रोज 3.66 लाख लग रहे
भारत में 70 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं। अब सभी राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीके लगने शुरू हो चुके हैं। सरकार देशभर में 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स मानकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 1 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही टीके के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
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