प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। उधर, कांग्रेस ने रविवार को सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में 25 पार्टियों के 50 वक्ताओं ने हिस्सा लिया। यह इतने ज्यादा सदस्यों के होने वाली सबसे लंबी बहस में से एक रही।
भाजपा के 18, कांग्रेस के 7 और अन्य दलों के 25 सांसद बहस में शामिल हुए। इनके लिए लगभग 15 घंटे तय किए गए थे। सरकार और विपक्षी दलों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 15 घंटे का समय तय करने पर सहमति बनी थी। शुरुआत में विपक्षी दल नए कृषि कानूनों पर अलग से बहस चाहते थे, लेकिन बाद में वे इसे धन्यवाद प्रस्ताव पर होने वाली बहस में शामिल करने पर सहमत हो गए।
हंगामेदार रही कार्यवाही
बजट सत्र की कार्यवाही अब तक हंगामेदार रही है। विपक्ष लगातार सरकार को नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर घेर रहा है। एक स्थिति तो ऐसी भी आई कि हंगामे के दौरान उपराष्ट्रपति और सभापति वैंकेया नायडू को विपक्ष से कहना पड़ा कि गलत उदाहरण मत पेश करिए। लोगों को गुमराह न करिए कि कोई चर्चा (किसान कानूनों पर) नहीं हुई थी। वोटिंग हुई थी और सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने सुझाव और तर्क दिए थे।
बजट सेशन की प्रोडक्टिविटी 82% रही
सरकार के मुताबिक, बजट सत्र की प्रोडक्टिविटी 82.10% रही। बैठक का कुल समय 20 घंटे 34 मिनट रहा। 3 फरवरी को विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण 4 घंटे 14 मिनट खराब हुए। इसके चलते सांसद 33 मिनट एक्स्ट्रा बैठे।
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