- मंदिरों के अन्न क्षेत्र के साथ स्कूल और कॉलेज में भी चलेगा अभियान
स्कूलों में बच्चे पित्जा-बर्गर की जगह स्वच्छ और पौष्टिक भोजन खाएं, इसकी व्यवस्था बनाने के लिए देश के 150 जिलों में ईट राइट चैलेंज शुरू हो गया है। इसमें मध्यप्रदेश से इंदौर के साथ ही भोपाल, उज्जैन, सागर, सतना, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और शहडोल जिले शामिल किए गए हैं।
यह चैलेंज भारतीय खाद्य सुरक्षा संस्था व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है। रैंकिंग के लिए 13 अलग-अलग मानक तय किए हैं, जिसके अंक तय हुए हैं। इन अंक को लेने के लिए इन मानकों में एक तय लक्ष्य प्राप्त करना जरूरी है, जैसे ईट राइट में 31 मार्च तक 25 स्कूल जोड़ने पर न्यूनतम अंक दो और अधिकतम सौ को जोड़ने पर अधिकतम पांच अंक दिए जाएंगे।
रजिस्ट्रेशन, सैंपलिंग और जागरूकता अभियान चलाएंगे
रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस अभियान : सभी संस्थाएं अपना पंजीयन कराएं और लाइसेंस लें। अब तक 35 हजार 295 लाइसेंस व पंजीयन हो चुके। 23 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी।
सर्विलेंस अभियान : 7 अभियान चलाए जा चुके, लक्ष्य पूरा।
सैंपलिंग : 960 सैंपल लेने हैं। इसमें से 730 हो चुके हैं।
खाद्य उद्योग में लगे लोगो की ट्रेनिंग : दो हजार को देने का लक्ष्य। इसमें 661 को दे चुके।
जागरूकता अभियान : 30 से अधिक करने हैं। 14 किए जा चुके हैं।
फूड वेस्ट सर्टिफिकेशन : 100 संस्थान कम से कम लें। यह ले चुके।
ईट राइट स्कूल : स्कूलों को जोड़ने का काम चल रहा।
इट राइट कैंपस : आईआईटी, आईआईएम के साथ बड़े स्कूल कैंपस व अन्य संस्थान को जोड़ा जा रहा है।
ईट राइट को प्रमोट करना : ट्रैफिक सिग्नल स्क्रीन पर इसे बताएंगे। होर्डिंग लगवाए जाएंगे।
डॉ. बेडेकर ने बताया चैलेंज में जिले में जहां भी खाद्य पदार्थ बनता और वितरित, विक्रित होता है, उन सभी को रजिस्टर्ड कराना और एफएसएसआई से सर्टिफाइड कराना है।
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