- 295 करोड़ के माल परिवहन के ई-वे बिल भी जारी करा दिए थे कुछ फर्मों ने
डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई), भोपाल की टीम ने दो दिन तक गोपनीय रूप से इंदौर के 20 से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। इसमें कुछ सीए के साथ ही एक बड़ा हवाला कारोबारी और अन्य कारोबारी शामिल हैं। यह जांच जुलाई 2019 में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा दर्जनभर फर्जी फर्मों पर मारे गए छापे में सामने आए 674 करोड़ के घोटाले को लेकर की जा रही है। इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, कम्प्यूटर डेटा जब्त किए हैं।
विभाग के भोपाल मुख्यालय के अधिकारियों ने जांच करने की बात कही है लेकिन अभी जांच जारी होने की बात कहते हुए मामले की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। जुलाई 2019 में इस मामले में वाणिज्यिक कर विभाग के छापों के बाद कर सलाहकार गोविंद अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली थी।
विभाग की जांच में सामने आया था कि फरवरी से मार्च 2019 के दौरान कुछ फर्मों ने 379 करोड़ के फर्जी बिल जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले ली और फर्जी ट्रक नंबरों पर 295 करोड़ के माल परिवहन के ई-वे बिल भी जारी करा दिए। इसमें कर सलाहकार की फर्म के साथ सारू इंटरप्राइजेज, ट्रेडलिंक, बालाजी के नाम सामने आए थे। देवेंद्र शर्मा, दीपक सचदेवा और कर सलाहकार अग्रवाल के नाम भी सामने आए थे।
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