- नौलखा चौराहे पर इंजीनियरिंग की बड़ी खामी
- भंवरकुआं चौराहे आते ही 80 फीट चौड़ी सड़क महज 15 फीट में तबदील
ज्यादातर सड़कों की इंजीनियरिंग चौराहों पर बिगड़ी हुई है। 80 फीट चौड़ी सड़कें चौराहों पर 20 फीट चौड़ी रह जाती हैं। इससे सड़कों पर बॉटल नैक बन गए हैं। इन्हीं बॉटल नैक में ट्रैफिक फंसता है। कई चौराहों पर यह स्थिति है कि सिग्नल पर आते ही तीनों लेन मिक्स हो जाती हैं।
नौलखा चौराहा : समस्या के दो कारण
नौलखा चौराहे पर इंजीनियरिंग की बड़ी खामी है। सवा सौ मीटर के रेडियस में फैले इस चौराहे पर रोज जाम लगता है। चौराहा क्रॉस करने में 8 से 10 मिनट लगते हैं। अग्रसेन नगर की ओर जाने वालों को 3 से 4 बार सिग्नल बदलने पर ही मौका मिलता है। भंवरकुआं से नौलखा आते समय अग्रसेन नगर व जानकी नगर के पास बन रही बॉटल नैक पर फोकस ही नहीं किया। होलकर कॉलेज के पास 80 फीट चौड़ी यह रोड चौराहे पर 20 से 22 फीट चौड़ी रह जाती है।
पांच समाधान: ट्रैफिक एक्सपर्ट प्रफुल्ल जोशी के मुताबिक पांच बदलाव कर दिए जाएं, तो यहां ट्रैफिक जाम से बचा जा सकता है।
1. आई बस स्टॉप होने से सड़क की चौड़ाई 10 से 12 फीट दोनों ओर से कम हुई है। यदि आई बस स्टॉप दूरदर्शन केंद्र के पास नौलखा के अंतिम छोर पर बना दें तो चौराहे पर सड़क चौड़ी हो जाएगी।
2. आई बस स्टॉप होने से सड़क की चौड़ाई 10 से 12 फीट दोनों ओर से कम हुई है। यदि आई बस स्टॉप दूरदर्शन केंद्र के पास नौलखा के अंतिम छोर पर बना दें तो चौराहे पर सड़क चौड़ी हो जाएगी।
3. चौराहे पर पांच रास्ते और चार सिग्नल हैं। पांचवां रास्ता, जो आजाद नगर से आकर चौराहे पर जुड़ता है, उसके वाहन चालक सिग्नल नहीं होने से गफलत में पड़ जाते हैं। उनके लिए भी सिग्नल लगाए जाएं।
4. चौराहे पर 700 से ज्यादा उपनगरीय बसें बीआरटीएस क्रॉस कर पेट्रोल पंप के पास रुकती हैं। इन बसों का स्टैंड तीन इमली है। इन्हें सख्ती कर पुलिस नौलखा चौराहा पर आने से रोके।
5. नौलखा चौराहे पर आकर अग्रसेन चौराहे की ओर जाने वाले वाहन चालकों को अगर चौराहे से 400 मीटर पहले ही अग्रसेन नगर व जानकी नगर से अग्रसेन चौराहे की ओर जाने का विकल्प दे दें तो चौराहे पर लेफ्ट लेन का बोझ कम हो जाएगा।
भंवरकुआं चौराहा : 80 फीट चौड़ी सड़क 15 फीट ही रह गई है
जीएसीसी से भंवरकुआं चौराहे पर आते ही 80 फीट चौड़ी सड़क महज 15 फीट चौड़ी रह जाती है। सबसे ज्यादा परेशानी लेफ्ट टर्न वालों की। उनके लिए लेन ही नहीं बचती।
समस्या के तीन कारण
1. कोने पर मंदिर। लेफ्ट टर्न के लिए जगह नहीं बचती। 2. कोने पर ही बस, मैजिक वैन खड़ी रहती हैं। 3. चौराहे के दूसरे छोर पर थाने के सामने खड़े जब्त वाहन। रोड पर जाम होता है।
ऐसे हो सकता है समाधान
1. मंदिर और थाना शिफ्ट कर दें तो चौराहे के मुहाने पर चौड़ाई बढ़ सकती है। 2. चौराहे की दोनों सर्विस लेन पर अतिक्रमण। रॉन्ग साइड ट्रैफिक से भी लगता है जाम।
डेढ़ साल पहले निगम को पत्र लिखे थे
नौलखा चौराहे पर बॉटल नैक की समस्या के लिए डेढ़ साल पहले नगर निगम को पत्र लिखे थे। बार-बार रिमाइंडर भी भेजे। अफसरों को समस्या दिखाने के लिए चौराहे की विजिट भी करवा दी, लेकिन बॉटल नैक की समस्या हल नहीं हो सकी।
- बसंत कौल, डीएसपी ट्रैफिक
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