- 90 फीसदी फुटपाथ पर अतिक्रमण और कब्जा है
शहर में वाहन चालकों के साथ पदयात्रियों को भी उचित सुविधाएं और सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। पदयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए गए 90 फीसदी फुटपाथ पर अतिक्रमण और कब्जा है। चाय-पान की दुकान, अंडे सब्जी और फल के ठेले, गाड़ियों की पार्किंग आम बात है।
इसके अलावा शहर के एक हिस्से में सेकंड हैंड गाड़ियों का पूरा व्यापार फुटपाथ पर संचालित हो रहा है। फुटपाथ के दुरुपयोग का एक नया ट्रेंड रेस्टोरेंट्स ने शुरू किया है। नए तरीकों से बनने वाले रेस्टोरेंट फुटपाथ पर हरियाली के बीच टेबल जमाते हैं जहां शाम को युवाओं का हुजूम आसानी से देखा जा सकता है।
मानक: तीन जोन में बंटा होना चाहिए फुटपाथ
आईटीडीपी की एक रिपोर्ट के अनुसार रहवासी और व्यावसायिक क्षेत्र में मानक फुटपाथ फ्रंटेज, पेडस्ट्रीयन और फर्नीचर जैसे तीन जोन में बंटा होना चाहिए। व्यावसायिक क्षेत्र में दुकान के बाद करीब 3 फीट की जगह प्रतिष्ठानों के लिए फ्रंटेज जोन। पैदल चलने वालों के लिए 8.2 फीट का पेडस्ट्रीयन जोन, जिसमें व्हीलचेयर भी आसानी से चल सके।
यह हिस्सा पूरी तरह बाधारहित होना चाहिए। इसके बाद 4.9 फीट का फर्नीचर जोन जहां मेन होल, पेड़-पौधे, बेंच, यूटिलिटी बॉक्स सहित अन्य चीजें एक रेखा में होनी चाहिए। रहवासी क्षेत्रों के लिए ये चौड़ाई थोड़ी कम होती है जबकि अत्यधिक घने व्यावसायिक क्षेत्रों में पेडस्ट्रीयन जोन की चौड़ाई 13.12 फीट तक होनी चाहिए।
मनमानी: फुटपाथ छोड़िए सड़क पर भी जमाए हैं कब्जा
टावर चौराहे से खातीवाला टैंक वाली सड़क के फुटपाथ के अधिकांश हिस्से पर कब्जा है। इसकी शुरुआत अग्रसेन चौराहे से ही हो जाती है। सड़क तक जमी गाड़ियों पर बैठे लड़के, बिकने आई गाड़ियों का शुरुआती सौदा सड़क पर ही करते हैं। खातीवाला टैंक में सेकंड हैंड गाड़ियों के साथ, कार डेकोर और नॉनवेज की दुकानों और वहां आने वाले ग्राहकों के कारण सड़क का अधिकांश हिस्सा जाम रहता है। गाड़ियां सड़क पर डेकोरेट होती हैं।
रेस्टोरेंट में पार्सल लेने आने वाले लोग सड़क पर गाड़ी खड़ी करते हैं। सड़क पर चलने वालों के लिए बमुश्किल जगह बचती है। इसी तरह सिंधी कॉलोनी फूटी कोठी रोड पर फुटपाथ दुकानों को सुविधा दे रहा है। रणजीत मंदिर परिसर के बाहर अस्थायी चौपाटी बन चुकी है जहां 30 से ज्यादा ठेले लगते हैं। यहां पैदल चलने वालों को जगह ही नहीं बचती।
परेशानी: जूस, चाय और नाश्ते की चल रही दुकानें
शहर के पश्चिमी क्षेत्र का नरेंद्र तिवारी मार्ग नई खाऊ गली के रूप में उभरा है। पूरी सड़क के दोनों ओर खाने-पीने की दुकानें हैं। सेंडविच, जूस सहित कई दुकानों ने फुटपाथ को ग्राहकों की बैठक के रूप में सजा रखा है। शाम को इन टेबलों पर लोग बैठकर खाना-पीना करते देखे जा सकते हैं। इन दुकानों में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है लिहाजा ग्राहक, सड़क पर ही गाड़ियां रखते हैं। अन्नपूर्णा रोड पर भी फल-सब्जी, गजक की दुकानों के साथ गमलों और सजावटी आयटमों की अस्थायी दुकानें लगती हैं।
सीधी बात : एचएस कन्हौआ, ट्रैफिक डीएसपी
1 महूनाका, रणजीत हनुमान, अग्रसेन व टावर चौराहे, सैफी नगर के फुटपाथ दुकानों के कब्जे में हैं?
फुटपाथ से अतिक्रमण व कब्जे हटाने का काम नगर निगम का है। हमारा काम सड़क की व्यवस्था का है उसके लिए हमारी क्रेन कार्रवाई करती है।
2 फुटपाथ के कब्जों के कारण ट्रैफिक बिगड़ता है। क्या निगम और ट्रैफिक में सामंजस्य नहीं है
कब्जे हटाने के लिए निगम समय-समय पर रिमूवल कार्रवाई करता है, लेकिन बार-बार कब्जे हो जाते हैं। स्थायी हल खोजने के लिए दोनों विभाग प्रयासरत हैं।
3 ट्रैफिक पुलिस क्रेन से फुटपाथ पर खड़े वाहनों को क्यों नहीं उठाती?
हमारे पास इतने वाहन उठाने के लिए न तो इतना बल है और ना ही उन्हें रखने की व्यवस्था, इसलिए समस्या आती है।
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