माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों का अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर करें निराकृत
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने आदेश जारी कर जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को निर्देशित किया है कि इंदौर जिले में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों को अधिनियम की मंशा के अनुरूप दर्ज कर अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही संबंधितों के दूरभाष/मोबाइल नम्बर प्राप्त कर समय-समय पर उनकी समीक्षा भी करें।
जन सुनवाईयों में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि प्रत्येक जनसुनवाई में सीनियर सिटीजन (वयोवृद्ध नागरिक) अपने बच्चों एवं उनकी पत्नियों से परेशान किये जाने से अपने हक के लिये कार्यालय में आते हैं । भारत सरकार द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 पारित किया गया है । उक्त अधिनियम की धारा 9 (1) में प्रावधानित है कि "यदि, यथास्थिति, बालक या नातेदार ऐसे वरिष्ठ नागरिक का, जो स्वयं अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है, भरण-पोषण करने से उपेक्षा या इन्कार करते हैं तो अधिकरण ऐसी उपेक्षा या इन्कार के बारे में समाधान हो जाने पर, ऐसे बालकों और नातेदारों को ऐसे वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण के लिये ऐसी मासिक दर पर मासिक भत्ता देने का जो अधिकरण ठीक समझे और ऐसे वरिष्ठ नागरिक को उस भत्ते का संदाय करने का आदेश दे सकेगा, जो अधिकरण समय-समय पर निर्देश दे। उक्त अधिनियम में सक्षम प्राधिकारी के रूप में अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अधिकृत किया गया है। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिये हैं।
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