- करीब 10 करोड़ खर्च, मिले सिर्फ 2 पिलर
इंदौर मेट्रो के काम की रफ्तार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी कंपनी ने जिन प्रमुख अफसरों को दी है, वे काम में लेटलतीफी के चलते अहमदाबाद मेट्रो प्रोजेक्ट से निकाले गए थे।
इंदौर मेट्रो के लिए जनरल कंसल्टेंट का काम तीन कंपनियां डीबी इंजीनियरिंग, जियो डेटा व लुइस बर्जर ग्रुप (एलबीजी) देख रही हैं। एलबीजी के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस बालाकृष्णा और डीबी इंजीनियरिंग से विनोद भागवत हैं। बालाकृष्णा और विनोद पहले अहमदाबाद मेट्रो में थे। अहमदाबाद मेट्रो के टेक्निकल डायरेक्टर सहदेव सिंह के मुताबिक काम में ढिलाई के चलते इनकी सेवा समाप्त की गई थीं। बाद में पता चला बालाकृष्णा इन्हीं कारणों से बेंगलुरु मेट्रो से भी हटाए गए थे। यही वजह है कि इंदौर मेट्रो पर करीब 10 करोड़ खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ दो अधूरे पिलर ही बन पाए।
डिजाइन सही नहीं कैसे पास कर दें
मुझे 42 साल का तजुर्बा है। अहमदाबाद मेट्रो से टर्मिनेट किया, मैंने खुद छोड़ा यह बताने के लिए बाध्य नहीं हूं। डिजाइन मानक के अनुरूप नहीं है तो कैसे पास कर दें।
प्राइवेट जॉब में ऐसा होता रहता है
हम दोनों अहमदाबाद मेट्रो में थे। यह आरोप गलत है कि खराब परफाॅर्मेंस के कारण हमें टर्मिनेट किया गया था। प्राइवेट जॉब में ऐसा होता रहता है।
लॉकडाउन में पुल, ओवरब्रिज सहित सभी काम हुए सिवाय मेट्रो के
लॉकडाउन के दौरान इंदौर में पुल, ओवरब्रिज सहित सभी विकास कार्य कलेक्टर की अनुमित के साथ शुरू हो गए थे। मेट्रो की कांट्रैक्टर कंपनी दिलीप बिल्डकॉन ने भी काम शुरू करने के लिए कलेक्टर से अनुमति ले ली थी, लेकिन जनरल कंसल्टेंट के सेफ्टी हेड तबरेज आलम ने काम यह कहकर रुकवा दिया कि कोरोना का संकट है।
सीधी बात, दोनों अफसरों की जांच कराएंगे; मनीष सिंह, एमडी, मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
बालाकृष्णा और भागवत खराब परफाॅर्मेंस के लिए अहमदाबाद से हटाए गए थे?
- उनकी पुरानी प्रोफाइल की जानकारी हमें नहीं थी। जांच करवाएंगे।
टेक्निकल डायरेक्टर जितेंद्र दुबे भी वेयर हाउसिंग से हैं?
- यह फैसला मेरे कार्यकाल से पहले का है। जवाब नहीं दे सकता।
क्या बजट नहीं होने से इंदौर मेट्रो का काम बंद है?
- ऐसा बिलकुल नहीं है।
इंदौर में काम कब शुरू होगा?
- जल्द फिर शुरू करेंगे।
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