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विश्वयुद्धों से लंबी जमीन की जंग:मद्दा के खौफ से लोग अपनी संपत्ति को असुरक्षित महसूस करते हैं; इसलिए रासुका

दीपक मद्दा।
  • कलेक्टर ने यह लाइन मद्दा के लिए लिखी है, लेकिन यह शहर के हर भूमाफिया पर लागू

3250 करोड़ की जमीन धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा पर रासुका की कार्रवाई की। आदेश में उन्होंने लिखा कि उसका इतना भय है कि लोग खुद को और अपनी संपत्ति को असुरक्षित महसूस करते हैं, इसलिए रासुका लगाई जाती है। यह बात शहर के हर भूमाफिया पर लागू होती है। छह मामलों में मुख्य आरोपी दीपक मद्दा के परिजन को पूछताछ के लिए पुलिस थाने लाई है।

अन्य आरोपियों पर 10-10 हजार इनाम, एसआईटी गठित
एमआईजी टीआई विनोद दीक्षित की टीम ने भूमाफिया रणवीर सिंह सूदन, विमल लुहाड़िया, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप जैन, मुकेश खत्री, सुरेंद्र व प्रतीक संघवी के यहां दबिश दी। अन्य आरोपियों पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया है। जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है।

कई के पते गलत, कोई मकान बेच कर जा चुका
पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज कुछ भूमाफियाओं के पते फर्जी निकले हैं। दीपेश वोरा के विश्वकर्मा नगर स्थित पते पर पहुंचे तो पता चला वह कई साल पहले वहां रहता था। केशव नाचानी उषानगर एक्सटेंशन स्थित घर बेच चुका है।

हैप्पी व जितेंद्र का घर, जहां पुलिस ने दबिश दी।

बेटी बोली, अलमारी में नहीं छिप सकते पापा अफसरों ने कहा-8 माह पहले यहीं पकड़ा था
पुलिस टीम जब जितेंद्र उर्फ हैप्पी धवन के मनीषपुरी स्थित घर पहुंची तो वहां उसकी बेटी मिली। खजराना टीआई दिनेश वर्मा धवन के कमरे में बनी बड़ी सी अलमारी को टटोलने लगे तो बेटी ने कहा कि पापा मोटे हैं, वे इसमें छिप नहीं सकते।

इस पर टीआई ने जवाब दिया कि आठ माह पहले क्राइम ब्रांच ने यहीं से तो उन्हें पकड़ा था। उल्लेखनीय है कि 30 हजार का इनाम घोषित होने के बाद धवन को 11 जून 2020 को क्राइम ब्रांच ने उसी के घर से गिरफ्तार किया था। उधर, भूमाफिया ओमप्रकाश धनवानी के गुमाश्ता नगर स्थित घर पर भी दबिश दी गई। वह फरार मिला। बताते हैं धनवानी कमोडिटी और बुलियन का भी कारोबार करता है। नसीम हैदर के काजी की चाल स्थित घर में कोई नहीं मिला।

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