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टैफिक समस्या को खत्म करना है:दोपहिया के लिए ओवर-अंडर पास; ग्रेड सेपरेटर बनाएं, सड़क किनारों से कब्जे हटाएं, चौराहों की तकनीकी खामियां दुरुस्त करें

 

बदहाल ट्रैफिक का एक उदाहरण। सत्यसाईं चौराहे पर सीवरेज का काम चल रहा। ठीक से डायवर्शन नहीं किया तो वाहन चालकों को बीआरटीएस की बस लेन में घुसना पड़ा।
  •  ट्रैफिक में 5 बड़ी खामियां, पहले इन्हें दूर करना जरूरी

सफाई में नंबर 1 शहर के सामने सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक की समस्या को खत्म करना है।ट्रैफिक से जुड़ी पांच सबसे बड़ी खामियां बताई। साथ ही कहा कि बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए शहर में किस तरह के प्रयास कारगर साबित होंगे। यातायात सुधारने के लिए इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट और एजुकेशन तीनों स्तर पर काम करना होगा।

कोर्स में शामिल हो ट्रैफिक एजुकेशन सप्ताह में एक दिन नो-व्हीकल डे करें - प्रो. हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर
बड़ी समस्या सड़क किनारे अतिक्रमण, हाथ ठेलों, हॉकर्स की है। कम चौड़ी सड़कों को चिह्नित कर तीन एवं चार पहिया वहां प्रतिबंधित कर केवल दो पहिया वाहन और ई-रिक्शा की अनुमति दी जाए। वाहनों की संख्या कम करने के लिए कार-शेयरिंग, दो-पहिया टैक्सी और सार्वजनिक परिवहन को प्रभावी किया जाना चाहिए। मिनी-सिटी बस, मिनी ई-बस, मोनो रेल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएं। लाइसेंस शिविर लगाए जाएं। यातायात प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल हो और वर्ष में कम से कम एक बार इसके लिए विशेष अभियान संचालित हों। सप्ताह में एक दिन नो-वेहिकल डे को प्रोत्साहित किया जाए।

डिवाइडर में जगह-जगह कट लगे हैं चौराहे या रोटरी से यू टर्न होना चाहिए - संदीप नारूलकर, प्रोफेसर एसजीएसआईटीएस
सड़क किनारे अतिक्रमण, डिवाइडर में छोटी-छोटी दूरी पर कट होने से वाहन चालक लेन तोड़कर ट्रैफिक बिगाड़ते हैं। इसके लिए जरूरी है कि चौराहों या रोटरी से ही यू टर्न हो। शहर में 72 फीसदी दोपहिया वाहन हैं। इनके लिए ओवर-अंडर पास और ग्रेड सेपरेटर जैसे उपाय किए जाने चाहिए। गीता भवन चौराहा, नौलखा चौराहा, गिटार चौराहा, चिड़ियाघर के सामने इंदिरा प्रतिमा से हनुमान मंदिर का दोहरा पुल सहित कई जगहों की डिजाइन में खामी है। मुख्य मार्गों पर यातायात कम करने के लिए एमआर 9, एमआर 11, लिंक रोड जैसे सभी समानांतर और वैकल्पिक मार्गों को जल्दी विकसित करना होगा।

वन-वे, रॉन्ग साइड एंट्री और फुटपाथ की सब्जी मंडी भी सबसे बड़ी चुनौती - आरएस राणावत, रिटायर्ड ट्रैफिक डीएसपी
लॉकडाउन के बाद से शहर के ट्रैफिक पैटर्न में बदलाव देखने को मिला है। लोग बेखौफ रॉन्ग साइड और वन-वे में चले आते हैं। वाहन चालक पहले भी रॉन्ग साइड आते थे, लेकिन अब ये बेतहाशा बढ़ चुका है। जिला कोर्ट से जेल रोड, एमजी रोड थाना से संजय सेतु की ओर, कृष्णपुरा पुल से राजबाड़ा, हुकुमचंद घंटाघर से सिटी सेंटर की ओर, इंदिरा कॉम्प्लेक्स से चिड़ियाघर की ओर, पंढरीनाथ मंदिर के सामने से चंद्रभागा की ओर। ये कुछ ऐसे रास्ते हैं, जहां लोगों ने रॉन्ग साइड और वन-वे का पुलिसिया सिस्टम ही खत्म कर दिया है। लॉकडाउन के बाद से ही फुटपाथ पर सब्जी मंडियां लगने लगी हैं।

ट्रैफिक में 5 बड़ी खामियां, पहले इन्हें दूर करना जरूरी
1.
सड़क किनारे अतिक्रमण, हाथ ठेले, हॉकर्स की स्थायी व्यवस्था नहीं है
2.डिवाइडर में छोटी-छोटी दूरी पर कट लगे, संकरे मार्ग पर टू-वे ट्रैफिक है
3.लेफ्ट टर्न चौड़े नहीं, व्यस्त चौराहों पर फ्लायओवर की कमी
4.लेन सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त, सिग्नलिंग गड़बड़, कई चौराहों पर सिग्नल ही नहीं​​​​​​​
5.वाहनों का लगातार बढ़ता बोझ, कुल वाहनों में 72.फीसदी अकेले दोपहिया का दबाव है​​​​​​​

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