- थाने में रहेगा बीस से अधिक लाेगाें का स्टाफ, प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू
शहर में अब बिजली कंपनी का अलग से एक थाना हाेगा, जिससे बिजली कंपनी काे बिल वसूली में सुविधा हाेगी। इसके लिए कवायद शुरू हाे गई है। उच्च स्तर से मिले अादेश के बाद स्थानीय स्तर पर डाटा तैयार किया जा रहा है।
बिजली कंपनी के इस थाने में बीस से अधिक लाेगाें का स्टाफ रहेगा। बिजली कंपनी के प्रदेश में अब खुद के थाने और उनकी अपनी पुलिस होगी, जिसकी प्रकिया कंपनी ने हर जिला स्तर पर प्रारंभ कर दी है। अभी गुजरात और उप्र में बिजली कंपनी की खुद की पुलिस और थाने हैं, उसी तर्ज पर प्रदेश में भी प्रक्रिया चालू कर दी गई है। जिसमें बिजली चोरी से लेकर बकाया राशि वसूलने सहित सभी कानूनी प्रक्रिया और अधिकार सहित कार्रवाई करेंगे।
इसके लिए बिजली कंपनी ने प्लान बनाकर तैयार कर लिया है और ऊर्जा विभाग मंत्रालय भोपाल से प्रमुख सचिव संजय दुबे ने सभी जिला स्तर से जानकारी मांगने के लिए पत्र भेज दिया है। अब जल्द ही बिजली कंपनी के अधिकारी बिजली थाना बनाने के लिए जगह का चयन कर बिजली चोरी और बिजली बिल में वसूली करने में क्या-क्या समस्या सामने आती है। हर चीज का डाटा तैयार कर भोपाल ऊर्जा मंत्रालय को भेजेंगे।
बिजली थाने की पुलिस बिजली चोरी करने वालों पर सीधे अपराध दर्ज करेगी और फील्ड में वसूली करने गए कर्मचारियों के साथ खुद का पुलिस फोर्स रहेगा, जिनके पास सब संसाधन होंगे और विवाद होने पर सीधे संबंधित पर कानूनी कार्रवाई करेगी, जिससे लोगों में बिजली पुलिस का डर रहेगा। अधीक्षण यंत्री कार्यालय के विधि सहायक गणेश देवड़ा ने बताया बिजली कंपनी के थाना स्थापित करने के लिए भोपाल मुख्यालय से जानकारी चाही गई है। जिला स्तर पर जानकारी तैयार कर भेजी जाएगी, आगे की कार्रवाई वरिष्ठ स्तर पर होगी।
हर महीने 70 हजार लाेग नहीं भरते बिल
जिले में घरेलू कमर्शियल और सिंचाई पंप सहित कुल बिजली कनेक्शन 3 लाख 26 हजार हैं। अधीक्षण यंत्री अनिल नेगी ने बताया जिले की हर महीने 20 करोड़ की बिलिंग होती है, जिसमें 70 हजार लोग बिजली बिल नहीं भरते जो हर महीने लगभग 3 करोड़ रुपए बनता है। वर्तमान में दो सालों का 78 करोड़ बिजली बिल लोगों पर बकाया है। बिजली कंपनी के थाना बनने से हर महीने बिजली बिल राशि आएगी और हमारा पैसा कानूनी रूप से वसूल सकेंगे। जिला मुख्यालय पर थाना बनेगा लगभग 20 कर्मचारी-अधिकारी मौजूद रहेंगे।
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