- सर्विस लेन पर अतिक्रमण से प्रमुख सड़कों पर बढ़ रहा ट्रैफिक का दबाव : एक्सपर्ट
ट्रैफिक जाम का एक और प्रमुख कारण सर्विस रोड पर अतिक्रमण है। ज्यादातर प्रमुख मार्गों की सर्विस रोड पर होटल, मॉल, अस्पताल, रेस्त्रां से लेकर दुकानों के कब्जे हैं। ट्रैफिक एक्सपर्ट प्रफुल्ल जोशी कहते हैं सर्विस लेन एक तरह का समानांतर सपोर्ट सिस्टम है। ज्यादातर सर्विस रोड किसी काम की नहीं रह गईं। इन्हें बेहतर किया जाए तो रॉन्ग साइड ट्रैफिक, जंक्शन पर ट्रैफिक दबाव में कमी ला सकते हैं। सर्विस लेन की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भवनों में पार्किंग का प्रावधान अनिवार्य करना जरूरी है।
मॉल के बाहर पार्किंग, लोग सड़कों पर आने को मजबूर
बीआरटीएस पर ऑर्बिट मॉल के बाहर होने वाली पार्किंग की वजह से लोगों को मुख्य सड़क पर आना पड़ता है। शराब दुकान के बाहर शाम से गाड़ियां खड़ी होने लगती हैं। इससे विजय नगर की ओर जाने वाले वाहन चालक लगभग आधी सड़क से गुजरते हैं। एलआईजी चौराहे के बाद बीआरटीएस की सर्विस लेन मौजूद ही नहीं है। इससे अकसर जाम लगता है।
ऑटोमोबाइल शोरूम, बैंक की पार्किंग
अन्नपूर्णा रोड की सर्विस लेन के महावर नगर वाले हिस्से में गैराज हैं। दशहरा मैदान के सामने सर्विस रोड पर शोरूम, अस्पताल, बैंक, दुकानों की पार्किंग होती है।
सर्विस रोड की जगह बना दिए फुटपाथ
सपना-संगीता रोड, माणिक बाग सहित कई जगह, जहां सर्विस रोड जरूरी थी, वहां बड़े-बड़े फुटपाथ बना दिए गए हैं, जो सिर्फ पार्किंग बनकर रह गए हैं।
यहां सर्विस रोड ही नहीं रॉन्ग साइड चलते हैं
एयरपोर्ट रोड, सपना-संगीता, महू नाका से फूटी कोठी चौराहा, सिंधी कॉलोनी। इन सड़कों पर सर्विस रोड नहीं है। रहवासी क्षेत्र से निकलने वाले रॉन्ग साइड जाते हैं।
अस्पताल की पार्किंग, चौपाटी की गुमटियां भी सर्विस रोड पर
बापट चौराहा स्थित एक सभागृह से सयाजी चौराहे तक सर्विस रोड मौजूद तो है, लेकिन अस्पताल, होटल्स, रेस्त्रां, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, दुकानों की पार्किंग के काम आ रही है। यहां सड़क का 70 फीसदी हिस्सा पार्किंग बन चुका है। मेघदूत पार्क तरफ की सर्विस रोड चौपाटी, फास्ट फूड की गुमटियों, बड़े होटल की पार्किंग के रूप में काम आ रही है।
मुख्य सड़कों के किनारे 1190 बिल्डिंग, इनमें पार्किंग का उपयोग कमर्शियल हो रहा
इंदौर. शहर में मुख्य सड़कों के किनारे 1190 बिल्डिंग हैं। इनमें पार्किंग तो है, लेकिन उसका इस्तेमाल कमर्शियल गतिविधि में हो रहा है। 2018-19 में निगम ने सर्वे करवाकर इन बिल्डिंग को चिह्नित किया था। शासन के नियमानुसार किसी भी बिल्डिंग में निर्माण क्षेत्र का 33 प्रतिशत हिस्सा उस बिल्डिंग की पार्किंग के लिए तय है।
इसी कड़ी में साकेत नगर के मुख्य मार्ग की 114 बिल्डिंग भी चिह्नित की जा चुकी है, जिनमें पार्किंग की जगह का उपयोग कमर्शियल हो रहा है। सपना-संगीता मार्ग का फुटपाथ ही नहीं दिखता है। यहां फुटकर व्यापारी व दुकान संचालकों ने पूरी तरह से कब्जा कर रखा है।
सीधी बात: उमाकांत चौधरी, डीएसपी
कमर्शियल बिल्डिंग में पार्किंग के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं?
- कमर्शियल बिल्डिंग में पार्किगं को लेकर नगर निगम सहित कई बड़े मॉल हॉस्पिटल को पत्र लिखे हैं।
मॉल्स की पार्किंग सर्विस रोड पर। इन पर अंकुश क्यों नहीं?
- मॉल संचालकों से कहा है वाहन पार्किंग में लगवाएं। सर्विस लेन क्लीयर करने विशेष अभियान चलाएंगे।
0 टिप्पणियाँ