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निगमकर्मियों का खेल:निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

 

फाइल फोटो
  • राजस्व विभाग के तहत कई बहुमंजिला बिल्डिंग का मामला

बीते कई वर्षों से नगर निगम के खजाने को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है जबकि ऐसे कर्मचारियों का साफ तौर से कई ऐसे मामले भी आ चुके हैं जिन्होंने बराबर टैक्स वसूलने के स्थान पर समझौता करते हुए सेटिंग कर ली है। दरअसल एक और जहां नगर निगम आर्थिक स्थिति के बुरे दौर से गुजर रहा है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई बराबर आज भी नहीं हो पाई है।

मिली जानकारी के अनुसार अभी इसी वर्ष के शुरुआत में ही सीता श्री रेजिडेंसी में बीते मात्र 8 से 9 वर्षों में ही लगभग 40 लाख रुपए का नुकसान नगर निगम को पहुंचाया जिसमें बड़े पैमाने पर खाते ही गायब कर दिए हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि जांच की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह के मामले में नीचे से लेकर ऊपर तक अधिकारी मिले रहते हैं। अन्यथा कार्रवाई तो तुरंत होना चाहिए ऐसी स्थिति अकेले एक जगह ही नहीं बड़े पैमाने पर कई इलाकों में हो रही है

एरोड्रम रोड स्थित सीताश्री रेसिडेंसी जो कि वार्ड क्रमांक चार में है यहां पर तीन ब्लॉक में 211 फ्लैट बने हैं। वहीं मुख्य रोड पर बड़ी दुकानें भी है। नगर निगम की संपत्ति के रिकॉर्ड में सिर्फ 92 फ्लेट और दुकान मिले जिनका संपत्ति कर वर्ष 2011 से ही जमा हो रहा है जबकि उसका क्षेत्रफल कम बताकर दुकानें ही गायब कर दी है जिसका सीधा असर नगर निगम को पड़ रहा है। यह तो एक उदाहरण है जबकि पूरे शहर की बिल्डिंग की जांच की जाए तो ऐसे ही घोटाले सामने आते रहते हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी तरह गत वर्ष ही फर्जी हस्ताक्षर बड़े अधिकारी के करते हुए सेटिंग के खेल खेलने वाले थे कि अचानक जांच में पता चला ऐसे में केवल नगर निगम कर्मियों को नौकरी से बेदखल करते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री अफसरों ने कर ली जबकि वास्तविकता यह है कि इनके ऊपर संबंधित थाने में प्रकरण दर्ज होने के साथ ही जेल में होना चाहिए। इतना सब कुछ भी हो जाने के बावजूद आज भी नगर निगम में यह हालत है कि टैक्स में सेटिंग के खेल रहे है।

इस मामले में अपर आयुक्त एस. कृष्ण. चैतन्य का कहना था मुझे मामले की जानकारी नहीं है, मैं पता करके ही कुछ बोल पाऊंगा।

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