- अक्सर कहा जाता है जितना कम सामान होगा सफ़र उतना ही आसान होगा। इस वाक्य को अक्सर केवल सफ़र के दौरान कम सामान और सहूलियत से जोड़ा जाता है, लेकिन कई मायनों में इसका अर्थ यात्राओं के प्रति व्यापक नज़रिया विकसित करने से है।
आज के सोशल मीडिया के दौर ने यात्राओं के प्रति लोगों की अधिक से अधिक दिलचस्पी विकसित की है। जीवन को भी एक सफ़र ही कहते हैं और हम सभी इसके यात्री। लेकिन अक्सर यूं होता है कि हम सफ़र का असली रस लेने से वंचित रह जाते हैं, उसका सही अर्थ अपने भीतर उतारने में विफल हो जाते हैं। हवा-पानी तो बदलता है पर मन नहीं बदल पाता और हम रोज़मर्रा के चक्रव्यूह में फंसे रह जाते हैं। आज यात्रा का अर्थ सिर्फ़ सोशल मीडिया पोस्ट और सेल्फ़ी तक सिमटकर रह गया है। लेकिन सही ढंग से यात्राओं पर निकला जाए तो यह जीवन को नूतन और सुखद अनुभव देने में मददगार हो सकती हैं। कैसे जानते हैं...
ख़ुशियों का द्वार है यात्रा
बहुत सम्भव है कि किसी न किसी यात्रा के दौरान कोई ऐसा व्यक्ति मिला होगा जिससे बातचीत करके, हंसकर आपको बहुत ख़ुशी हुई होगी। कोई लज़ीज़ भोजन किया होगा जिसका स्वाद आज भी ज़ुबां पर है। या वादियों में ढलते सूरज को देखा होगा। यात्राओं का सबसे बड़ा पहलू दुनिया देखना और समझना है और इससे मिलने वाली ख़ुशी से हमारे शरीर में डोपेमाइन का स्राव होता है जो कि हमें ख़ुश रखने वाला हार्माेन है। यह मानसिक स्थिति को अधिक बेहतर बनाने में सहायक होता है। साथ ही हमारी एकरसता वाली दैनिक दिनचर्या से भी मुक्ति मिलती है और हम नई-नई चीज़ें देखने, खोजने में व्यस्त रहते हैं।
ख़ुद से मुलाक़ात का मौक़ा
कहीं पढ़ा था कि यात्रा स्वयं में किया गया सबसे बड़ा निवेश है। निवेश इसलिए क्योंकि यह आपको नए अनुभव देता है, नई जानकारी देता है, ख़ुशियां, आराम और अपने अनुसार जीने का मौक़ा। जब आप यात्रा पर होते हैं, अकेले या फिर चार से कम सदस्यों के साथ तो आपके पास यह मौक़ा होता है कि आप अपनी पसंद-नापसंद चुन सकते हैं। यात्राएं आपको स्वयं से मिलाने में सक्षम है। किसी ने कहा है- जो घूमते नहीं हैं वे सभी भटके हुए हैं।
नई राहों की खोज
दलाई लामा कहते हैं- वर्ष में एक बार ऐसी जगह ज़रूर जाएं जहां आप पहले न गए हों। यह बहुत ज़रूरी है कि कम से कम साल में एक बार ऐसी जगह देखें जहां पर आप न गए हों। साथ ही यात्राओं के लिए लम्बी छुट्टी की ज़रूरत नहीं है, इसके बजाय दो-तीन दिन की यात्राओं की आप योजना बना सकते हैं जो आपकी थकान को दूर करने और फिर से तरोताज़ा कर दे। इन छोटी ट्रिप्स के लिए ऐसे स्थानों का चयन करें जहां पर आप एक रात में ट्रेन से पहुंच पाएं या 6 घंटे में हवाईजहाज़ से। मैप पर अपने शहर से 500-600 किमी का दायरा बनाएं और फिर उन स्थानों को चिह्नित कर लें जो आपने नहीं देखी हों, उन्हें इन छोटी ट्रिप्स में आसानी से घूम सकते हैं। इससे आपको व्यावसायिक और निजी जीवन में भी सामंजस्य बनाने में मदद मिलेगी।
नया शौक़ विकसित करें
यात्रा के अनुभव आप लिख सकते हैं। यह तो हुई जानी पहचानी बात। यदि आप कुछ अच्छी तस्वीरें अपने फ़ोन से खींचना चाहते हैं तो ऑनलाइन हज़ारों वीडियो आपको यह कला सीखने के लिए मिल जाएंगे। यदि आप स्वाद पहचानने में निपुण हैं तो फूड ब्लॉगिंग कर सकते हैं। लोगों से बात करना पसंद है तो वीडियो ब्लॉगिंग कर सकते हैं। इतिहास पुरातत्व में रुचि है तो जहां भी जाएं वहां के संग्रहालय को देखें और सम्भव हो तो किसी स्थानीय इतिहासकार या लेखक से मुलाक़ात कर सकते हैं।
यात्रा का वैविध्य
वास्तव में यदि आप एक घुमक्कड़ की तरह घूमना चाहते हैं तो अपनी यात्रा सूची में हर प्रकार की जगह शामिल करें। सूची को कई भागों में विभाजित कर सकते हैं जैसे- पहाड़, समुद्र, ऐतिहासिक स्थान, आधुनिक शहर, धार्मिक स्थल आदि। दिल्ली देखने जा रहे हैं तो अपनी सूची में सिनौली शामिल कर सकते हैं, कुरूक्षेत्र की रणभूमि को नमर करने जाना है तो राखीगढ़ी में सिंधुघाटी सभ्यता के अवशेष भी देख सकते हैं, जयपुर का पुराना शहर घूमने निकले हैं तो नज़दीकी खाटूश्याम मंदिर में दर्शन कर सकते हैं, भोपाल की झील देखने जा रहे हैं तो सांची का इतिहास और भीमबेटका के आिदम निवास देख सकते हैं।
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