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लगातार असफलताओं ने मुझे विनम्रता सिखाई है - शाहरुख खान

 

  • शाहरुख खान बता रहे हैं कि सफलता का रास्ता कैसे मिलता है, असफलताएं कितने काम की हैं

‘मैंने अपने जीवन में खूब उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैं कई बार असफल हुआ हूं पर कभी हार नहीं मानी। अपनी असफलता से हर बार मैंने कुछ सीखा ही है।

मुझे याद है स्कूल में एक बार मैंने 100 मीटर की रेस दौड़ी थी। मेरे साथ जो लड़के थे, वे सभी उम्र में मुझसे थोड़े बड़े थे। इससे पहले मैं केवल अपनी उम्र के लड़कों के साथ ही रेस दौड़ता था और हमेशा लीड करता था। पर इस रेस में उन 6-7 लड़कों के साथ दौड़कर मैं पीछे रह गया, पांचवें नंबर पर आया। रेस के तुरंत बाद ही स्कूल के अधिकारी जीतने वाले लड़कों को लेकर पोडियम की तरफ गए, पूरी भीड़ वहीं जमा हो गई थी, मेरे पास कोई नहीं था। तब मैंने बेहद अकेलापन महसूस किया था। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, इसलिए हुआ क्योंकि मैं हमेशा असफलता से भयभीत रहता था। मैं कभी इतना सफल होना नहीं चाहता था, मैं तो केवल असफल होने से बचता रहा। मैंने असफलता से गरीबी को जोड़ना शुरू कर दिया था।

सफलता कमाल की चीज है, लेकिन यह हमें वो अनुभव नहीं देती जिससे हम कुछ सीख पाएं। हम इसका मज़ा लेते हैं क्योंकि शायद हम इसके हक़दार हैं। लेकिन हम इससे समझदारी हासिल नहीं करते। मैं यकीन करता हूं कि सफलता का सच्चा रास्ता असफलता के डर से ही निकलता है।

अगर आप में असफल होने का पर्याप्त डर नहीं है, तो सफल होना असंभव हो सकता है। असफल होना आसान नहीं है, बेहद कठिन है। इसका उपयोग केवल सफल होने के लिए ही कीजिए। बार - बार असफल होकर मैंने सीखा कि मुझे नकली होना छोड़ देना चाहिए। लगातार असफल होकर मैं ज्यादा विनम्र भी हो गया हूं।’


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