Header Ads Widget

Responsive Advertisement

शिकंजे में अब फंसे जिम्मेदार:जनसुनवाई में दो सौ पीड़ितों ने सहकारिता अफसर को घेरा, बोले- सूची ही बन रही, प्लॉट कब मिलेंगे

 

लोगों ने कहा- हमारा हक कब दिलाओगे
  • 10 साल पहले बोले थे गजभिए- जांच जारी है, अब बोले- पहले फाइल तो देख लूं, फिर कुछ कहूंगा

सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं के जाल में उलझे दो सौ से ज्यादा पीड़ित मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने सहकारिता उपायुक्त एमएल गजभिए को घेर लिया। गजभिए ने कहा- पांच हजार से ज्यादा शिकायतें हैं, 300 को अभी सुन लिया है। हम लगे हुए हैं कि आपकी समस्या दूर हो।

कविता गृह निर्माण संस्था के सदस्य विपिन गांधी, मधुर खंडेलवाल आदि शिकायत के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बार-बार वरीयता सूची बनने के बाद भी प्लॉट नहीं मिल रहे हैं। दिनेश चितलांग्या द्वारा जमीनों की खरीदी-बिक्री कराई जा रही है, उस पर भी केस हो। गजभिए ने कहा यह आपका अधिकार है, जिसने धोखा दिया, उस पर एफआईआर कराएं।

दस साल पहले इंदौर में ही सहायक आयुक्त थे गजभिए : दस साल पहले सहकारिता विभाग में महेंद्र दीक्षित उपायुक्त थे, तब गजभिए सहायक आयुक्त थे। भूमाफिया के खिलाफ चले अभियान पर उन्होंने कहा था कि कुछ संस्थाओं के रिकॉर्ड नहीं मिलने से जांच नहीं हो पाई, बाकी की जांच सही तरीके से चल रही है, जिनकी जांच बाकी है, वह जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी।

आप बोले ही जा रहे हो, पहले मुझे हकीकत समझ लेने दो : गजभिए

पीड़ितों से घिरने पर गजभिए बोले कि आपका मामला जनवरी 2020 का है। मैं फरवरी में यहां आया था और फिर कोरोना आ गया। आप बोले जा रहे हो, पहले मुझे हकीकत समझ लेने दो और फाइल तो देख लूं। एक फरियादी के यह बोलने पर कि इसी मामले में आपके एक सीनियर इंस्पेक्टर पर विभागीय जांच भी चल रही है, तो गजभिए बोले- हां, हमारे विभाग ने एक्ट के अनुसार जो अधिकतम कार्रवाई हो सकती थी, वह अपने व्यक्ति पर की, बलि का बकरा बनाया, विभागीय जांच शुरू करा दी, केस करा दिया, अब अपने को पॉजिटिव सोचकर राहत की ओर जाना है।

600 वेतन मिलता था, 300 रु. प्लॉट के जमा करते थे

एक पीड़ित ने कहा 30 साल पहले मुझे 600 रुपए वेतन मिलता था, तब 300 में घर चलाया और आधी राशि इन प्लॉट के लिए भरी, लेकिन अब तक प्लॉट नहींं मिला। एक पीड़ित ने कहा कि शासन, प्रशासन बार-बार बदलता है, अभियान चलता है लेकिन अभी तक प्लॉट नहीं मिल पाया है। कुछ लोगों ने मांग करते हुए कहा कि इन संस्थाओं में अब एसडीएम को नियुक्त किया जाना चाहिए, तभी प्लॉट मिल सकेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ